
उत्तर प्रदेश में एक डॉक्टर द्वारा फर्जी सर्जरी किए जाने का मामला सामने आया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उस पर एफआईआर दर्ज करवाई है। यह खुलासा एक प्रमुख समाचार पत्र, भास्कर की रिपोर्ट के बाद हुआ, जिसमें बताया गया कि उक्त डॉक्टर ने ‘आयुष्मान’ योजना के तहत सर्जरी करने का दावा किया था, लेकिन जांच में यह पाया गया कि वह अनधिकृत तरीके से सर्जरी कर रहा था। यह खुलासा होते ही स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है, ताकि किसी और मरीज को नुकसान न पहुंचे।
स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस गंभीर मामले की पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अगले तीन दिनों में पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी, ताकि इस मामले में और कोई कोताही न बरती जाए। मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
यह मामला राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था में गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर जब ‘आयुष्मान’ जैसी महत्वपूर्ण सरकारी योजना के तहत ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इसके कारण न केवल स्वास्थ्य सेवाओं पर विश्वास सवालों के घेरे में आ सकता है, बल्कि यह योजना के वास्तविक उद्देश्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है।
राज्य सरकार ने इस मामले में त्वरित और कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है, और कहा है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए भविष्य में और कड़े उपाय किए जाएंगे। यह घटना न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे सिस्टम के लिए एक चेतावनी है, ताकि किसी भी तरह की धोखाधड़ी और अनधिकृत गतिविधियों से लोगों को बचाया जा सके।