
उत्तराखंड के देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट को अब बड़े एयरपोर्टों की सूची में शामिल किया गया है। इस निर्णय के बाद, यह एयरपोर्ट भविष्य में 40 लाख यात्रियों की सालाना क्षमता का सामना कर सकेगा, जिससे राज्य में हवाई यात्रा के लिए बड़ी सुविधा मिलेगी। यह ऐतिहासिक कदम राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच सहयोग का परिणाम है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में हवाई यात्रा को बढ़ावा देना और पर्यटकों तथा व्यापारियों के लिए सुविधाएं बढ़ाना है।
इस घोषणा के साथ ही दून एयरपोर्ट को एक नई पहचान मिली है, जो अब हवाई यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन जाएगा। इस एयरपोर्ट का विकास और विस्तार राज्य के आर्थिक और पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। एयरपोर्ट की बढ़ी हुई क्षमता का सीधा फायदा राज्य के नागरिकों और पर्यटकों को मिलेगा, क्योंकि अब अधिक उड़ानें उपलब्ध होंगी और यात्री अधिक आसानी से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
इस नए एयरपोर्ट विकास परियोजना के तहत, नए टर्मिनल, पार्किंग सुविधाएं, बूस्टेड एयरलाइन कनेक्टिविटी, और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा, हवाई यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा और सेवा की व्यवस्था की जाएगी, ताकि यात्रा अनुभव को और भी आरामदायक और सुरक्षित बनाया जा सके।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस विकास के साथ राज्य में पर्यटन और व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। उन्होंने इस कदम को राज्य की समग्र विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का धन्यवाद भी किया, जिन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर समर्थन दिया और उसे जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
दून एयरपोर्ट का विस्तार उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अब यह केवल देहरादून तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उत्तराखंड के अन्य हिस्सों से भी हवाई कनेक्टिविटी को और सुलभ बनाएगा। इससे राज्य की परिवहन और लॉजिस्टिक्स प्रणाली में भी सुधार होगा, जिससे राज्य में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
अब, इस विस्तार के बाद दून एयरपोर्ट न केवल यात्रियों की संख्या के लिहाज से बल्कि प्रदेश के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। यह विकास पर्यटकों को आकर्षित करेगा और उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गों के लिए एक प्रमुख स्थल बना देगा।