
महाशिवरात्रि 2025 के अवसर पर देवभूमि में भगवान शिव की महिमा का उल्लास देखने को मिला। इस पवित्र दिन पर देशभर से श्रद्धालु शिव के दरबार में मत्था टेकने के लिए पहुंचे, और शिवालयों में जयकारों की गूंज सुनाई दी। महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से मंदिरों में रात्रि जागरण और पूजा अर्चना की परंपरा का पालन किया गया। श्रद्धालु दिनभर उपवासी रहकर रात भर शिव की भक्ति में लीन रहे।
शिवालयों में भगवान शिव की पूजा के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थीं। शिव भक्तों ने रुद्राभिषेक, बिल्व पत्र, बेलपत्र, और शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित कर भगवान शिव से सुख-समृद्धि और आत्मिक शांति की कामना की। मंदिरों के आसपास वातावरण भक्तिमय हो गया था, जहां हर कोई भगवान शिव की महिमा में सराबोर था।
हर शिव मंदिर में खास कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, जिसमें कावड़ियां, भजनों की संगीतमय प्रस्तुति और विशेष पूजा विधियों का आयोजन हुआ। कई स्थानों पर भव्य शिवरात्रि जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने शिव भजनों और भव्य रात्रि आरती में भाग लिया।
देवभूमि उत्तराखंड के प्रमुख शिव मंदिरों में खासा उत्साह देखा गया, जहां दूर-दराज से लोग भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचे थे। हर जगह श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। महाशिवरात्रि के इस पवित्र अवसर पर शिव भक्तों का उमड़ा सैलाब और भक्तिमय वातावरण यह दर्शाता है कि शिव के प्रति आस्था और भक्ति कितनी गहरी है।