
उत्तराखंड में बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। खासकर उन इलाकों में, जहां पहाड़ों के ढीले पत्थर और चट्टानें सड़क पर गिरने का खतरा पैदा कर सकती हैं, वहां विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दिशा में प्रशासन ने पहाड़ियों का ट्रीटमेंट करने का निर्णय लिया है, ताकि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना को रोका जा सके और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।यह कार्य इसलिए किया जा रहा है क्योंकि बदरीनाथ हाईवे पर कई जगहों पर पहाड़ों से ढीले पत्थर गिरने की समस्या रहती है, जो यात्री वाहनों के लिए खतरा बन सकते हैं। इसके अलावा, बारिश और बर्फबारी के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए विशेषज्ञों की मदद से पहाड़ियों के ढीले पत्थरों को स्थिर किया जा रहा है। इन पत्थरों को अब मुख्य चट्टानों (मेन रॉक) से बांधने का काम किया जा रहा है, ताकि वे सड़क पर न गिरें और यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें।प्रशासन ने इस कार्य को तेज़ी से पूरा करने की योजना बनाई है, ताकि बदरीनाथ यात्रा शुरू होने से पहले हाईवे पर पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहाड़ी ढलान अधिक है और जहां पत्थर गिरने की अधिक संभावना रहती है, वहां विशेष उपाय किए जा रहे हैं। यह उपाय सड़क की स्थिरता को बढ़ाने के साथ-साथ यात्रियों के लिए यात्रा को भी सुरक्षित बनाएंगे।इसके अलावा, पहाड़ी इलाकों में इस तरह के कार्यों को करते समय पर्यावरणीय प्रभावों को भी ध्यान में रखा जा रहा है। इसलिए, इसे सावधानीपूर्वक और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। स्थानीय अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से न केवल सड़क की सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि बदरीनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचाया जा सकेगा।यात्रा के दौरान मार्ग पर आने वाली समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और सभी संभावित खतरों को कम करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहा है। इस सुरक्षा कार्य के पूरा होने के बाद बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।