इटालियन मार्बल और सोने-चांदी की सजावट वाला ‘साउथ का शीशमहल’, रुशिकोंडा पैलेस क्यों आ गया जांच के घेरे में?

भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित रुशिकोंडा पैलेस, जिसे ‘साउथ का शीशमहल’ कहा जा रहा है, इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस महल के निर्माण में इटालियन मार्बल, सोने और चांदी की शानदार सजावट, और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वास्तुकला का समावेश किया गया है। हालांकि, इस भव्यता के बावजूद अब यह पैलेस जांच के घेरे में आ गया है, और इसके निर्माण को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।रुशिकोंडा पैलेस की कीमत लगभग 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जो इसे एक अत्यधिक महंगे और आलीशान निर्माण का उदाहरण बनाती है। पैलेस में इस्तेमाल किए गए इटालियन मार्बल, सोने-चांदी की सजावट और अन्य महंगी सामग्री ने इसे दक्षिण भारत का सबसे भव्य और सबसे महंगा महल बना दिया है। इसके शानदार डिज़ाइन और वास्तुकला ने इसे ‘साउथ का शीशमहल’ का नाम दिलवाया है, लेकिन अब यह महल विवादों में भी घिरता जा रहा है।

जांच के घेरे में क्यों आया रुशिकोंडा पैलेस?

रुशिकोंडा पैलेस के निर्माण को लेकर अब कई तरह की जांचें चल रही हैं। मुख्य रूप से इस महल के निर्माण में कथित तौर पर नियमों और मानकों का पालन न करने के आरोप हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पैलेस के निर्माण के लिए आवश्यक मंजूरियों और परमिशन का पालन ठीक से नहीं किया गया। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भी इस महल की भव्यता और उसकी निर्माण सामग्री को लेकर कई सवाल उठाए हैं।इसके अलावा, पैलेस के निर्माण में लगे भारी निवेश और लक्ज़री सामग्री को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि इस तरह के महंगे निर्माण का स्रोत और उस पर खर्च होने वाली रकम की पारदर्शिता की जांच की जानी चाहिए। इसके साथ ही, पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करने के आरोप भी लगाए गए हैं, क्योंकि बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य और अत्यधिक भव्यता स्थानीय संसाधनों पर दबाव डाल सकते हैं।

क्या है विवाद?

विवाद की शुरुआत तब हुई जब कुछ स्थानीय संगठनों और नागरिकों ने पैलेस के निर्माण को लेकर चिंता जताई। उनके अनुसार, इस महल का निर्माण क्षेत्रीय विकास योजनाओं और बुनियादी ढांचे के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के खिलाफ हो सकता है। इसके अलावा, पैलेस की आलीशान सजावट और इसके निर्माण में खर्च किए गए भारी धन को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।इस मामले की जांच अब संबंधित सरकारी अधिकारियों द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जांच का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि क्या पैलेस के निर्माण में सभी कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है और क्या किसी प्रकार का भ्रष्टाचार या नियमों का उल्लंघन हुआ है।

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