आईआईटी बी.टेक छात्रों को सिखाया जाएगा ‘महाकुंभ प्रबंधन’, कुंभ मेले के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित होगा

देशभर में प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन, कुंभ मेला, अब तकनीकी और प्रबंधन की दृष्टि से भी विद्यार्थियों के लिए एक शिक्षा का हिस्सा बनेगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के बी.टेक छात्रों को अब ‘महाकुंभ प्रबंधन’ पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें कुंभ मेले के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रबंधन पहलुओं पर गहरी जानकारी दी जाएगी। यह पहल कुंभ मेला जैसे विशाल और जटिल आयोजन को बेहतर ढंग से समझने और उसका प्रबंधन करने में मदद करने के लिए की जा रही है।आईआईटी के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को तैयार किया है, जो छात्रों को कुंभ मेले के आयोजन की जटिलताओं, तंत्र, और यहां होने वाली तैयारियों को समझाने पर जोर देगा। इस कोर्स में छात्रों को कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के प्रवाह, तंबू बस्तियों की व्यवस्था, सुरक्षा, जल प्रबंधन, ट्रांसपोर्टेशन और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जानकारी दी जाएगी।आईआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर भी है। इस मेले में हर पहलू को व्यवस्थित और सुव्यवस्थित तरीके से प्रबंधित किया जाता है। ऐसे में हमारे छात्रों को इन सब पहलुओं के बारे में सिखाना और उन्हें प्रबंधन कौशल प्रदान करना इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य है।”यह पहल भारतीय संस्कृति और विरासत को समझने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के दृष्टिकोण से भी विद्यार्थियों को समृद्ध करेगी। छात्रों को यह प्रशिक्षण न केवल कुंभ मेला के आयोजन से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा, बल्कि वे इसके आयोजन में उपयोगी तकनीकी उपकरणों और नवीनतम प्रौद्योगिकी के बारे में भी सीखेंगे, जैसे कि डिजिटल मेला प्रबंधन, ट्रैकिंग सिस्टम और भीड़ नियंत्रण तकनीकें।विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कोर्स से छात्रों को एक नया दृष्टिकोण मिलेगा और वे बड़े पैमाने पर होने वाले आयोजनों के प्रबंधन में विशेषज्ञता प्राप्त करेंगे। कुंभ मेला जैसे आयोजनों का प्रबंधन एक विशाल कार्य है, और इसके संचालन में तकनीकी दक्षता और व्यावसायिक सोच की आवश्यकता होती है, जिसे इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को समझाया जाएगा।इस कोर्स की शुरुआत से न केवल छात्रों को एक अनूठा अनुभव मिलेगा, बल्कि यह भविष्य में कुंभ मेला जैसे आयोजनों के प्रबंधन में भी मददगार साबित हो सकता है।

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