गोपीनाथ मंदिर में होली: भोलेनाथ के साथ होली खेलने की परंपरा, होल्यारों की टोली मनाती है अनोखी होली

उत्तर प्रदेश के काशी में स्थित गोपीनाथ मंदिर में होली का पर्व बड़े ही श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन यहां की होली का अंदाज बाकी जगहों से पूरी तरह अलग होता है। यहां हर साल एक विशेष परंपरा के तहत भोलेनाथ के साथ होली खेलने का अनोखा पर्व मनाया जाता है, जो न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता है।यह परंपरा सदियों पुरानी है और भक्तों का मानना है कि भगवान शिव और माता पार्वती के बीच होली खेलने की यह रसम उनके मंदिर में प्रतिवर्ष होती है। गोपीनाथ मंदिर में होल्यारों की टोली भगवान शिव के मंदिर पहुंचती है और फिर श्रद्धापूर्वक भोलेनाथ के साथ रंगों के इस उत्सव को मनाती है। खास बात यह है कि यहां होली का यह पर्व पूरी तरह से धार्मिक और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है, जिसमें रंगों का इस्तेमाल तो होता है, लेकिन यह रंगों से अधिक एक आध्यात्मिक अनुभव की तरह होता है।यहां के होली उत्सव की एक और खासियत यह है कि इसमें हिस्सा लेने वाले भक्त एक-दूसरे पर रंग डालने के बजाय भगवान शिव के मंदिर में पहुंचकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं। इस पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी भगवान शिव को विशेष रूप से रंग-गुलाल अर्पित करते हैं और फिर श्रद्धालु भी रंगों के साथ भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान शिव अपनी कृपा से भक्तों के सारे पाप धो डालते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।गोपीनाथ मंदिर की होली में भक्तों के अलावा, कई स्थानीय कलाकार और संगीतकार भी शामिल होते हैं, जो भव्य संगीतमयी कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा होता है, और भक्त पूरे श्रद्धा भाव से इस धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व का हिस्सा बनते हैं।यहां की होली न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान के रूप में मनाई जाती है, बल्कि यह काशी के सांस्कृतिक जीवन का भी एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। हर साल हजारों की संख्या में लोग इस विशेष पर्व को मनाने के लिए गोपीनाथ मंदिर पहुंचते हैं, ताकि वे भोलेनाथ के साथ इस रंगीन पर्व का हिस्सा बन सकें।गोपीनाथ मंदिर की होली को लेकर हर साल प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हो। इस खास दिन को लेकर स्थानीय पुलिस भी तैनात रहती है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।इस प्रकार, गोपीनाथ मंदिर में होली का पर्व एक अनोखा धार्मिक अनुभव बन जाता है, जहां भक्तों को रंगों के साथ-साथ एक आध्यात्मिक अनुभूति भी मिलती है, और यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।

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