‘मुसलमानों को खतरा नहीं, ओवैसी की राजनीति है संकट में’: सीएम योगी ने किया असदुद्दीन ओवैसी पर हमला

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर असदुद्दीन ओवैसी पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है, बल्कि ओवैसी की वोटबैंक की राजनीति संकट में है। यह बयान योगी आदित्यनाथ ने ओवैसी के उस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमान समाज खतरे में है और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। सीएम योगी ने कहा कि ओवैसी जैसे नेता समाज में दरार डालने का काम करते हैं। उनकी राजनीति सिर्फ वोटों के खेल तक सीमित है, और वे हमेशा मुसलमानों को भयभीत करके उनकी भावनाओं का शोषण करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और बेहतर कानून-व्यवस्था के कारण मुस्लिम समाज को कोई खतरा नहीं है, और न ही उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चिंता का विषय है। योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि ओवैसी और उनके जैसे नेताओं को यह समझना चाहिए कि यूपी में अब राजनीति का माहौल बदल चुका है। राज्य में अब हर वर्ग को सम्मान और सुरक्षा मिल रही है, और वोटबैंक की राजनीति करने वालों के लिए अब कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया जा रहा है, और यूपी में अब राजनीति विकास के मुद्दे पर आधारित है, न कि किसी खास समुदाय को डराने या उन्हें विभाजित करने के लिए। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार हर नागरिक की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है, और उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे ओवैसी जैसी असमाजिक ताकतों से बचें जो समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग समाज में सौहार्द और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं, उन्हें सजा दिलाने के लिए उनकी सरकार पूरी तरह से सक्षम है। सीएम योगी ने अपने बयान में यह भी कहा कि यूपी में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है और राज्य में कानून का राज स्थापित किया गया है। उनका कहना था कि कोई भी वर्ग अगर समाज में शांति और सुरक्षा चाहता है, तो उसे उनके नेतृत्व में इस राज्य में किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा। योगी आदित्यनाथ का यह बयान ओवैसी के खिलाफ एक तीखा पलटवार था, जो अक्सर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बयान आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं, जिसमें दोनों नेता अपनी-अपनी जातिगत और धार्मिक पहचान को लेकर मतदाताओं के बीच समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *