
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोग खासे परेशान हैं। इन कुत्तों ने अपनी उपस्थिति से शहर की सड़कों और गलियों में भय का माहौल बना दिया है। लोग पैदल चलते हुए इन कुत्तों के अचानक हमले का शिकार हो रहे हैं, और इस कारण वहां के निवासियों के बीच डर और घबराहट का माहौल है। कुत्ते आमतौर पर पैदल चलने वालों को देखकर दौड़ने लगते हैं, और कई बार वे लोगों को काटने तक की कोशिश करते हैं।राजौरी के विभिन्न इलाकों में इन आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खासकर, शहर के व्यस्त बाजारों और गलियों में यह कुत्ते अक्सर दिखाई देते हैं, जहां ये अचानक लोगों के सामने आकर उन्हें डरा देते हैं। कई बार कुत्तों के हमलों के कारण लोग चोटिल हो चुके हैं, जिससे उनके बीच चिंता का माहौल है। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक बन गई है, क्योंकि वे इन कुत्तों के हमले का ज्यादा शिकार हो सकते हैं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन और नगर निगम ने इस समस्या पर उचित ध्यान नहीं दिया है। कुत्तों की बढ़ती संख्या के कारण सड़क सुरक्षा में भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। खासकर, रात के समय जब सड़कों पर कम लोग होते हैं, तब यह कुत्ते और भी अधिक आक्रामक हो जाते हैं।इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कुछ कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें आवारा कुत्तों की नसबंदी और पुनर्वास के कार्यक्रम पर काम किया जाएगा। हालांकि, लोग चाहते हैं कि प्रशासन जल्दी से जल्दी इस समस्या का हल निकाले, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और शहर की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक समाप्त हो सके। इस समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम को आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए अधिक सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि स्थानीय निवासियों और पैदल यात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके। वहीं, इस मुद्दे पर जन जागरूकता अभियान भी चलाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि लोग इन कुत्तों से कैसे बच सकते हैं और क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर ध्यान दें।