
नई दिल्ली, 11 अप्रैल: शिवसेना नेता संजय राउत ने हाल ही में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और फांसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि तहव्वुर राणा, जो 26/11 मुंबई हमले का आरोपी है, की सजा में सरकार के कड़े प्रयासों का महत्वपूर्ण योगदान है। राउत ने यह भी कहा कि राणा के प्रत्यर्पण की सफलता और आगे की कानूनी प्रक्रिया में असली श्रेय भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को जाता है।संजय राउत ने यह बयान देते हुए यह स्पष्ट किया कि राणा का प्रत्यर्पण एक बेहद अहम कदम है, लेकिन अब बारी उसकी सजा और दंड की है। राउत ने आरोप लगाया कि इसके लिए भारतीय एजेंसियों की मेहनत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कूटनीतिक रणनीतियों का भी अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि अगर राणा को भारत लाया गया है, तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को जाना चाहिए, जिन्होंने देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।राणा के प्रत्यर्पण के साथ ही अब कड़ी निगरानी और जांच से उसकी सजा का रास्ता साफ होगा। संजय राउत ने यह भी बताया कि भारतीय सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाकर पाकिस्तान से राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को संभव किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी ढील नहीं बरतने वाला है और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।
संजय राउत का दावा:
संजय राउत के मुताबिक, राणा का प्रत्यर्पण सिर्फ भारत की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी जीत नहीं है, बल्कि यह पाकिस्तान के आतंकवादियों और उनके समर्थनकर्ताओं के खिलाफ भी एक बड़ा संदेश है। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी घटना है, जो भारत के आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है और यह पाकिस्तान को यह संदेश देती है कि अब हम आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
तहव्वुर राणा का आपराधिक इतिहास:
तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हेडली के साथ मिलकर भारतीय शहरों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की थी। राणा, जो पाकिस्तान का मूल निवासी है, एक कनाडाई नागरिक है और लंबे समय से भारत की न्यायिक प्रक्रिया से बचने के लिए पाकिस्तान में छिपा हुआ था। अमेरिकी अदालतों ने उसे दोषी ठहराया और उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। अब, भारत सरकार उसे कड़ी सजा दिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अगला कदम:
भारत सरकार अब राणा की सजा सुनिश्चित करने के लिए उसके खिलाफ सभी कानूनी और न्यायिक उपायों का पालन करेगी। इस प्रत्यर्पण के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा। वहीं, भारत के लिए यह एक और जीत है, जिसमें यह साबित होता है कि आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करना अब सरकार की प्राथमिकता है, चाहे वह भारत के भीतर हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर।