
उत्तराखंड की राजनीति इन दिनों गर्माई हुई है। कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज़ हो गई है। इसका ताज़ा उदाहरण पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिनेश अग्रवाल के एक बयान के बाद देखने को मिला। उनके बयान ने सियासी हलकों में बवाल खड़ा कर दिया है और दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर रहे हैं।दरअसल, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “प्रदेश में विकास का पहिया थम गया है और जनता की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। भाजपा सरकार सिर्फ दिखावटी घोषणाओं और जुमलों में व्यस्त है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई बड़े घोटालों को दबाया जा रहा है और जनता के साथ छल किया जा रहा है।दिनेश अग्रवाल के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ा ऐतराज़ जताया। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि “कांग्रेस के नेता बौखलाहट में उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं। जिस पार्टी ने वर्षों तक राज्य को भ्रष्टाचार और घोटालों की भेंट चढ़ाया, वही अब विकास के मुद्दे पर सवाल उठा रही है। भाजपा सरकार पारदर्शिता और जनहित में काम कर रही है, जिसे विपक्ष पचा नहीं पा रहा।”इस जुबानी जंग के बाद उत्तराखंड की सियासत में हलचल मच गई है। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी दिनेश अग्रवाल का समर्थन करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। वहीं भाजपा ने भी अपने बचाव में कांग्रेस के पुराने कार्यकाल के मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर प्रदेश में माहौल गरमाने लगा है। दोनों दल एक-दूसरे को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। दिनेश अग्रवाल का बयान उसी सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे भाजपा को घेरने और जनता का ध्यान खींचने की कोशिश की जा रही है।फिलहाल, प्रदेश की जनता इस सियासी घमासान को देख रही है और आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों के बीच जुबानी हमलों का सिलसिला और तेज़ होने की संभावना जताई जा रही है।