
देहरादून में डेंगू का कहर, 13 दिन में 15 मरीजों की पुष्टि, स्वास्थ्य विभाग पर आंकड़े छिपाने का आरोप
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में डेंगू के मामलों में अचानक वृद्धि देखने को मिल रही है। केवल 13 दिनों के भीतर 15 मरीजों में डेंगू वायरस की पुष्टि हुई है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का कारण बन गया है। विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को लेकर सही आंकड़े नहीं साझा कर रहा है और मामलों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर जनता में असंतोष और चिंता का माहौल बना हुआ है।
मरीजों की बढ़ती संख्या
देहरादून में पिछले कुछ दिनों से डेंगू के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने 13 दिन के भीतर 15 नए मामले रिपोर्ट किए हैं, लेकिन इस बीच, नागरिकों का कहना है कि असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। वे आरोप लगाते हैं कि विभाग उन आंकड़ों को छिपा रहा है जो लोगों को सही समय पर चेतावनी दे सकते थे। इन मरीजों में ज्यादातर लोग उन क्षेत्रों से हैं जहां जलभराव और साफ-सफाई की स्थिति खराब है, जो डेंगू के मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श स्थान होते हैं।
स्वास्थ्य विभाग पर आरोप
स्वास्थ्य विभाग पर यह आरोप भी है कि वह डेंगू के मामलों को छिपाकर महामारी के स्तर तक न पहुंचने देने की कोशिश कर रहा है। देहरादून के कुछ हिस्सों में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग की ओर से मीडिया में मामलों की सही जानकारी साझा नहीं की जा रही है, जिससे नागरिकों में असमंजस और भय का माहौल है।
स्वच्छता और जलभराव की समस्या
विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू के बढ़ते मामलों के लिए मुख्य रूप से स्वच्छता की कमी और जलभराव जिम्मेदार है। देहरादून के कई इलाकों में कचरा और जलभराव की स्थिति बहुत खराब है, जो डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करती है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ गई है। इसके साथ ही, नगरपालिका और संबंधित विभागों द्वारा इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
डेंगू से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए नागरिकों को मच्छरदानी का उपयोग करने, खड़े पानी को न जमा होने देने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग को भी जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि लोग डेंगू के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें और समय रहते इलाज करवा सकें।
अगले कदम
स्वास्थ्य विभाग को डेंगू के मामलों को लेकर पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है और इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर मामलों की संख्या बढ़ती रही, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है, जो पूरी शहर को प्रभावित कर सकती है। विभाग को चाहिए कि वह डेंगू के मामलों का सही आंकड़ा जनता के सामने रखे और उपचार की व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करे। इसके साथ ही, जलभराव और स्वच्छता की स्थिति सुधारने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। देहरादून में डेंगू के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय बन गई है। जबकि स्वास्थ्य विभाग पर आंकड़े छिपाने का आरोप है, इस स्थिति में सुधार के लिए पूरी प्रशासनिक टीम को सक्रिय रूप से काम करने की आवश्यकता है। नागरिकों को भी इस महामारी से बचने के लिए एहतियाती उपायों को अपनाना चाहिए, ताकि डेंगू जैसी बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके।