
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को लेकर उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तराखंड के लोगों ने इस अमानवीय हमले की निंदा करते हुए शहीद पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस दौरान, जगह-जगह दो मिनट का मौन रखकर उन्हें नमन किया गया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया गया। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और पौड़ी जैसे शहरों में स्थानीय समाजसेवी संगठनों, शिक्षण संस्थानों और आम नागरिकों ने मिलकर मोमबत्तियाँ जलाईं और आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित लोगों ने कहा कि जो लोग निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाते हैं, वे मानवता के दुश्मन हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस अवसर पर स्कूली छात्रों और युवाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। कई स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सभाएं आयोजित की गईं, जहां बच्चों ने आतंकवाद से लड़ने के लिए राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की शपथ ली। श्रद्धांजलि समारोह के दौरान “भारत माता की जय” और “आतंकवाद मुर्दाबाद” के नारों से वातावरण गूंज उठा। उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में हिस्सा लिया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और चारधाम यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।राज्य के मुख्यमंत्री ने भी सोशल मीडिया और प्रेस के माध्यम से इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ राज्य की पूरी जनता खड़ी है और केंद्र सरकार से अपील की कि ऐसे हमलों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।श्रद्धांजलि कार्यक्रमों के दौरान कई स्थानों पर कविताएं और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए। लोगों की आंखों में आंसू और दिल में ग़म साफ देखा जा सकता था। पहलगाम हमले में मारे गए उत्तराखंड के पर्यटकों के लिए विशेष रूप से अलग से प्रार्थना सभाएं भी की गईं। इस मौके पर स्थानीय मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों और मस्जिदों में भी विशेष दुआओं का आयोजन किया गया। उत्तराखंड ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि वह न केवल अपने नागरिकों के लिए संवेदनशील है, बल्कि देश की एकता, अखंडता और मानवता के प्रति भी गहरी आस्था रखता है। पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन ऐसी घटनाएं हमें और अधिक एकजुट और मजबूत बनाती हैं। उत्तराखंड की श्रद्धांजलि सभाएं न केवल दुख जताने का माध्यम थीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक मूक लेकिन मजबूत प्रतिरोध भी थीं।