
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद से हाल ही में हुई मुलाकात ने पश्चिम एशिया की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता चरम पर है, और इस बातचीत से नए राजनीतिक समीकरण बनने की संभावना जताई जा रही है। ट्रंप ने अपने कार्यकाल के बाद भी मध्य पूर्व में सक्रिय रहकर वहां की जटिल राजनीति में अपनी छाप छोड़ने का प्रयास किया है, और इस बार उनकी सीरियाई राष्ट्रपति से बातचीत को बड़े बदलावों की शुरुआत माना जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात के बाद सीरिया और अमेरिका के बीच संभावित तौर पर नए रिश्ते बन सकते हैं, जो न केवल सीरिया के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेंगे, बल्कि पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, इस बातचीत ने इज़राइल की चिंता को बढ़ा दिया है, क्योंकि इज़राइल सीरिया के साथ किसी भी तरह के अमेरिकी समर्थन को अपने लिए खतरा मानता है। इज़राइल ने इस कदम को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है और कहा है कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।सीरिया में गृहयुद्ध और इसके बाद की राजनीतिक स्थिति काफी जटिल रही है, और ट्रंप की यह पहल संभवतः वहां पर नए गठबंधन और समझौतों को जन्म दे सकती है। इससे क्षेत्रीय ताकतों के बीच सामंजस्य और संघर्ष दोनों के नए दौर की शुरुआत हो सकती है। अमेरिका के लिए भी यह मुलाकात एक अवसर है कि वह मध्य पूर्व में अपनी रणनीति को नए सिरे से परिभाषित कर सके।राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, इस मुलाकात का असर आने वाले महीनों में और स्पष्ट होगा और यह देखा जाएगा कि यह किस तरह से पश्चिम एशिया की राजनीति के नक्शे को बदलता है। फिलहाल, इस कदम को एक नई राजनीतिक चाल माना जा रहा है जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अपनी गूंज छोड़ सकती है।