
देहरादून: उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण विकास अवसर के तहत आज वित्त आयोग की एक उच्च स्तरीय टीम देहरादून पहुंची है। इस टीम का उद्देश्य राज्य को केंद्रीय सहायता, अनुदान एवं अन्य वित्तीय सहयोग के मसलों पर गहन चर्चा करना है। यह बैठक राज्य की आर्थिक स्थिति, विकास की प्राथमिकताओं, और विशेष वित्तीय जरूरतों की समीक्षा के संदर्भ में बेहद अहम मानी जा रही है।वित्त आयोग की टीम ने आज देहरादून में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें मुख्य सचिव, वित्त सचिव और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं, केंद्र से प्राप्त होने वाले अनुदानों की वर्तमान स्थिति, और भविष्य की योजना पर विस्तृत विमर्श किया गया।सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने आयोग के समक्ष पर्वतीय क्षेत्रों की विशेष चुनौतियों को रेखांकित किया, जिनमें आधारभूत ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर), स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क कनेक्टिविटी जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से उठाई गईं। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्विकास कार्यों के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग भी रखी गई।वित्त आयोग की यह यात्रा 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों की समीक्षा और राज्य के विकास में केंद्र सरकार की भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से की जा रही है। यह माना जा रहा है कि आयोग की सिफारिशें राज्य को आगामी वर्षों में मिलने वाली वित्तीय सहायता की दिशा तय करेंगी।मुख्यमंत्री के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने आयोग के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए यह मांग की है कि उत्तराखंड को पर्वतीय राज्य होने के कारण विशेष श्रेणी के अंतर्गत रखा जाए और वित्तीय सहायता में प्राथमिकता दी जाए।आज शाम तक वित्त आयोग की टीम विभिन्न स्थलों का दौरा भी करेगी, जिसमें स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास कार्य और अन्य योजनाओं का अवलोकन शामिल रहेगा।यह दौरा न केवल उत्तराखंड के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की भावी नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन में भी मील का पत्थर साबित हो सकता है।