अब मदरसों में भी गूंजेगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, शिक्षा के साथ राष्ट्र चेतना का समावेश

उत्तराखंड सरकार ने मदरसों के छात्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी मदरसों की सुबह की असेंबली में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी जाएगी और इस अभियान को नए शैक्षणिक सत्र में भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। यह पहल सुरक्षा और देशभक्ति के संदेश को धार्मिक शिक्षण संस्थानों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर भारत सरकार की एक सुरक्षा और निगरानी योजना है, जिसका मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों और देश के अंदर छिपी हुई खतरनाक गतिविधियों की पहचान और रोकथाम करना है। यह ऑपरेशन विशेष रूप से आतंकवाद और अन्य देश-विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने के लिए लागू किया गया है। उत्तराखंड में इसे विशेष महत्व दिया जा रहा है क्योंकि राज्य सीमावर्ती क्षेत्रों के नजदीक स्थित है और यहां सुरक्षा को लेकर सतर्कता की आवश्यकता अधिक है।

मदरसों में क्यों?

उत्तराखंड सरकार का मानना है कि देश की सुरक्षा केवल सेना या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है। मदरसों में पढ़ने वाले छात्र भी समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और यदि उनमें सही समय पर जागरूकता और देशभक्ति की भावना विकसित की जाए तो यह लंबे समय में राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। इसलिए सरकार ने यह फैसला किया है कि मदरसों में भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत दी जाने वाली जानकारी को शामिल किया जाए ताकि छात्र राष्ट्र सुरक्षा के महत्व को समझें।

असेंबली और पाठ्यक्रम में शामिल करना

इस योजना के तहत प्रत्येक मदरसा अब अपनी सुबह की असेंबली में ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित जानकारी और जागरूकता सत्र आयोजित करेगा। इसके अलावा, नए शैक्षणिक सत्र से मदरसों के पाठ्यक्रम में भी ऑपरेशन सिंदूर के मूल विषयों को शामिल किया जाएगा। शिक्षकों को इस विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इसे सही तरीके से छात्रों तक पहुंचा सकें। इससे छात्रों को न केवल सुरक्षा से जुड़ी जानकारी मिलेगी, बल्कि वे राष्ट्रीय एकता और समर्पण की भावना को भी समझ पाएंगे।

प्रशासन का बयान

उत्तराखंड के शिक्षा विभाग के अधिकारी ने इस संबंध में बताया कि यह कदम प्रदेश के सभी धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्र सुरक्षा की भावना को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से हम चाहते हैं कि सभी छात्र, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय से हों, देश के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता महसूस करें। मदरसों में इस योजना को शामिल करना इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है।”

समाजिक प्रतिक्रिया

सरकार की इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। कुछ लोग इसे एक जरूरी कदम मानते हैं जो देशभक्ति और सुरक्षा के प्रति युवाओं में जागरूकता बढ़ाएगा। वहीं कुछ समूह इसे धार्मिक शिक्षा में हस्तक्षेप के रूप में भी देख रहे हैं। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना धार्मिक शिक्षण के दायरे को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि इसका उद्देश्य केवल सुरक्षा और जागरूकता फैलाना है। उत्तराखंड की यह पहल देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है कि कैसे राष्ट्रीय सुरक्षा को सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर बढ़ावा दिया जा सकता है। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी और शिक्षा से युवा वर्ग में जागरूकता बढ़ेगी, जिससे वे न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा में योगदान दे सकेंगे।

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