
धार्मिक आस्था और श्रद्धा से परिपूर्ण हेमकुंड साहिब यात्रा का आयोजन इस वर्ष भी विशेष धार्मिक भावनाओं के साथ शुरू हो गया है। पंज प्यारों की अगुवाई में आज सैकड़ों श्रद्धालु घांघरिया की ओर प्रस्थान कर चुके हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट कल भव्य रीति-रिवाजों के साथ खुलेंगे, जिसके बाद यहां दर्शन और पूजा-अर्चना का क्रम शुरू हो जाएगा।
हर साल हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से इस पवित्र स्थल की यात्रा करने आते हैं, लेकिन पंज प्यारों का नेतृत्व इस यात्रा में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। पंज प्यारों की अगुवाई में यात्रा का प्रारंभ होना एक धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जो सभी श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा और आस्था का प्रतीक है।
घांघरिया तक की यात्रा कठिन और चुनौतीपूर्ण मानी जाती है, लेकिन श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के बल पर इस कठिन मार्ग को पार करते हैं। प्रशासन और स्थानीय सुरक्षा बलों ने इस बार भी तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। रास्ते में मेडिकल सहायता, पानी की व्यवस्था, और आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने के साथ ही यहां की पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू होगा, जिसमें पंज प्यारों की भागीदारी श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस दौरान विशेष धार्मिक कार्यक्रम और कीर्तन भी आयोजित किए जाएंगे, जो यात्रियों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और भी गहरा करेंगे।
उत्तराखंड के इस धार्मिक स्थल की यात्रा न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव है, बल्कि यह प्रकृति की सुंदरता का भी आनंद लेने का अवसर प्रदान करती है। सुदूर हिमालयी क्षेत्रों में स्थित यह पवित्र स्थान भक्तों के लिए मन की शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।
आगामी दिनों में और भी अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए घांघरिया पहुंचेंगे और इस पावन स्थल की धार्मिक गरिमा में शामिल होंगे। प्रशासन ने सभी से अपील की है कि वे स्वच्छता, सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखें ताकि यह पवित्र यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हो सके।