
ज्योति मल्होत्रा से जुड़े विवादित मामले में ताजा मोड़ तब आया जब उनके लैपटॉप और मोबाइल फोन से कुल 12 टेराबाइट (टीबी) डेटा बरामद हुआ। यह डेटा जांच अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुराग साबित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, इस विशाल मात्रा में डेटा में वीडियो, चैट, फाइलें और अन्य डिजिटल सामग्री शामिल हो सकती है, जो मामले की जांच में अहम भूमिका निभा सकती है।
हालांकि, जब यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए पेश किया गया, तो ज्योति मल्होत्रा से जुड़े यूट्यूबर ने इस पूरे मामले में कोई प्रतिक्रिया या बयान देने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान यूट्यूबर ने पूरी तरह चुप्पी साध ली, जिससे मामले में और भी रहस्यमय स्थिति पैदा हो गई है। यह चुप्पी जांच एजेंसियों और अदालत दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
जांच एजेंसियों का मानना है कि इस डिजिटल डेटा के जरिए मामले के कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं, जिनसे ज्योति मल्होत्रा से जुड़ी कथित घटनाओं की सच्चाई उजागर हो सकेगी। इस डेटा की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है, जो फाइलों का विश्लेषण कर रही है ताकि मामले में शामिल अन्य लोगों या संदिग्धों की पहचान की जा सके।
वहीं, यूट्यूबर की चुप्पी ने इस पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत में बयान न देना किसी तरह की रणनीति हो सकती है या फिर यूट्यूबर मामले की गंभीरता को समझते हुए खुद को कानूनी मुसीबत से बचाने की कोशिश कर रहा हो।
इस मामले में अब आगामी सुनवाई में डिजिटल साक्ष्यों की अहम भूमिका होगी। अदालत ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द इस डेटा का विश्लेषण पूरा करें और रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वहीं, यूट्यूबर के अगले कदम पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।