
अयोध्या में राम मंदिर के प्रथम तल पर भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न हो गया, जिसमें भगवान श्रीराम के साथ राम दरबार की भी प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस ऐतिहासिक और दिव्य अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे और उन्होंने पूरी विधि-विधान के साथ देवताओं के अभिषेक एवं पूजा-अर्चना की। सुबह ब्रह्ममुहूर्त से मंदिर प्रांगण में वैदिक मंत्रों, शंखध्वनि और हवन की खुशबू से वातावरण आध्यात्मिकता से परिपूर्ण हो गया था। सभी दिशाओं से पंडित, आचार्य और संत एकत्रित हुए, जिन्होंने मिलकर मंत्रोच्चार किया और पूजा की गरिमा को और भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल रामलला के दरबार में आरती में हिस्सा लिया, बल्कि हनुमानगढ़ी में भी दर्शन पूजन कर इस शुभ कार्य की शुरुआत की। उनके नेतृत्व में मंदिर में आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा हुई, जिसमें राम दरबार के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण देवताओं को भी सम्मानित किया गया। राम मंदिर में राजा राम का भव्य श्रृंगार किया गया, और मंदिर परिसर में जय श्रीराम के नारे गूंज उठे। इस अवसर पर अयोध्या के 19 संत धर्माचार्य, राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, संघ और विहिप के नेतागण भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस समारोह को अत्यंत महत्वपूर्ण और पावन बताया। उन्होंने कहा कि यह दिन गंगा दशहरा के साथ भी जुड़ा है, जिस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नमामि गंगे परियोजना की सराहना की, जो गंगा नदी को निर्मल और अविरल बनाए रखने का महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके साथ ही उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस का उल्लेख करते हुए बताया कि मनुष्य द्वारा उत्पन्न पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान भी मनुष्य को ही करना होगा। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत का जिक्र किया, जिसमें उत्तर प्रदेश में 35 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान 15 अगस्त तक जारी रहेगा और पूरे प्रदेश में इसका व्यापक प्रभाव दिखाई देगा।
योगी आदित्यनाथ ने इस पावन अवसर को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की नूतन अभिव्यक्ति बताया और कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का यह समारोह देश की एकता, संस्कृति और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। इस आयोजन से अयोध्या का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है और पूरे देश में धार्मिक श्रद्धा की भावना जागृत हुई है।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने न केवल धार्मिक भावनाओं को सशक्त किया है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी नया आयाम दिया है। इस अवसर पर लाखों भक्तों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन रूप से भाग लेकर आशीर्वाद प्राप्त किया। यह कार्यक्रम अयोध्या को फिर से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जहां भगवान राम की पूजा और उनकी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार होगा।