
बॉलीवुड की खूबसूरत और टैलेंटेड अदाकारा चित्रांगदा सिंह भले ही सिल्वर स्क्रीन पर अब कम नजर आती हों, लेकिन अपनी बेबाकी और स्पष्ट सोच को लेकर आज भी सुर्खियों में बनी रहती हैं। हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कॉस्मेटिक सर्जरी और फिल्म इंडस्ट्री में इसके ट्रेंड को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने ना सिर्फ सर्जरी को लेकर ट्रोल करने वालों को करारा जवाब दिया, बल्कि यह भी बताया कि सितारों की पर्सनल चॉइस का सम्मान क्यों जरूरी है।
“यह हर किसी का निजी फैसला है”
चित्रांगदा सिंह ने दो टूक कहा कि अगर कोई व्यक्ति, चाहे वो आम हो या सेलेब्रिटी, अपने लुक को बेहतर करने के लिए कॉस्मेटिक सर्जरी कराता है, तो उसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा –
“हर इंसान को अपने शरीर और चेहरे को लेकर फैसला लेने का हक है। हम लोग हर वक्त लुक्स के दबाव में रहते हैं – फिर चाहे वो कैमरे के सामने हों या पब्लिक अपीयरेंस में। अगर कोई बेहतर महसूस करना चाहता है, तो उसका हक है कि वो वैसा करे।”
ट्रोलर्स को करारा जवाब
चित्रांगदा ने सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सेलेब्रिटीज़ की हर बात पर कमेंट करना एक ट्रेंड बन गया है, जो कि बेहद खतरनाक मानसिकता को दर्शाता है।
“ट्रोलिंग से लोग टूटते हैं। ये एक तरह की डिजिटल हिंसा है। लोग सोचते हैं कि सोशल मीडिया पर किसी की पर्सनल चॉइस का मजाक उड़ाना ठीक है, लेकिन ये किसी की मेंटल हेल्थ को गहराई से प्रभावित करता है,” उन्होंने जोड़ा।
“हॉलीवुड में नॉर्मल है, भारत में क्यों नहीं?”
चित्रांगदा ने कॉस्मेटिक सर्जरी को लेकर पश्चिमी देशों और भारत के रवैये की तुलना करते हुए कहा कि हॉलीवुड में बोटॉक्स, फिलर्स या अन्य सर्जरी आम मानी जाती हैं, लेकिन भारत में इसे लेकर लोग बहुत जल्दी जज करते हैं।
“हमें ये समझना होगा कि लुक्स में बदलाव या ब्यूटी ट्रीटमेंट्स कोई अपराध नहीं हैं। भारत में इसे इतना बड़ा मुद्दा क्यों बना दिया जाता है?”
फोकस होना चाहिए एक्टिंग पर, न कि लुक्स पर
चित्रांगदा सिंह ने ट्रोलर्स से अपील करते हुए कहा कि उन्हें कलाकारों के काम को सराहना चाहिए, न कि उनके व्यक्तिगत जीवन के फैसलों पर टिप्पणी करनी चाहिए।
“किसी की स्किन, हेयर या लुक्स पर ध्यान देने के बजाय, उसकी कला को देखिए। एक एक्टर की असली पहचान उसके अभिनय से होती है, न कि उसके गालों की शेप से।”
बॉलीवुड में बढ़ता ट्रेंड
बॉलीवुड में पिछले कुछ वर्षों में कॉस्मेटिक एन्हांसमेंट्स का ट्रेंड तेज़ी से बढ़ा है। कई सितारे आज अपने आत्मविश्वास और लुक्स को लेकर ओपन हो गए हैं। चित्रांगदा का मानना है कि इस पर खुलकर बात होनी चाहिए, ताकि आने वाले एक्टर्स खुद को जज ना करें। चित्रांगदा सिंह की यह राय उस सोच को चुनौती देती है जो किसी के शरीर या फैसले पर जजमेंटल होने की इजाजत देती है। उनका यह संदेश स्पष्ट है –
“सर्जरी या नो-सर्जरी – यह आपकी चॉइस है, और किसी को आपको शर्मिंदा करने का हक नहीं है।”