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"केदारनाथ हेली सेवा का पहला चरण सफलतापूर्वक पूर्ण, अब बारिश थमने के बाद फिर मिलेगी उड़ान" - The Indian Exposure

“केदारनाथ हेली सेवा का पहला चरण सफलतापूर्वक पूर्ण, अब बारिश थमने के बाद फिर मिलेगी उड़ान”

उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा के प्रमुख धाम केदारनाथ के लिए संचालित हो रही हेलिकॉप्टर सेवा का पहला चरण रविवार को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। हेलीकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली सभी छह निजी कंपनियों ने अपने सात हेलिकॉप्टरों के साथ केदारघाटी से वापसी कर ली है। अब यह सेवा यात्रा के तीसरे चरण में, यानी सितंबर माह में, मानसून के समाप्त होने के बाद ही दोबारा शुरू की जाएगी।

17 से 21 जून तक उड़ानें रद्द, यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी

वर्ष 2025 की केदारनाथ यात्रा 2 मई से आरंभ हुई थी, लेकिन मौसम की मार और विभिन्न दुर्घटनाओं के चलते इस बार का पहला चरण खासा चुनौतीपूर्ण रहा। 17 से 21 जून तक लगातार रद्द होती उड़ानों के चलते हजारों श्रद्धालुओं को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। खराब मौसम और प्रशासनिक प्रतिबंधों के कारण यात्रियों को न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा, बल्कि कई को अपनी यात्रा टालनी भी पड़ी।

13,000 से अधिक टिकट रद्द, कंपनियों को 8.65 करोड़ का नुकसान

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इस वर्ष कुल आठ हेली कंपनियों के नौ हेलिकॉप्टरों को सेवा संचालन की अनुमति दी थी। हालांकि, इस चरण के दौरान परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं रहीं। कपाट खुलने से लेकर 21 जून तक कुल 13,304 टिकट रद्द हुए, जिससे हेली कंपनियों को लगभग 8.65 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

प्रारंभिक अवधि में भी तनाव और मौसम बना बाधा

यात्रा के आरंभिक चरण, 2 मई से 16 मई के बीच, मौसम की खराबी और भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव के कारण भी 1,638 टिकट रद्द किए गए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस बार का यात्रा सीजन निजी कंपनियों के लिए काफी अनिश्चितताओं और घाटों से भरा रहा।


हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने बढ़ाई चिंता, डीजीसीए ने कड़ी कार्रवाई की

यात्रा के दौरान एक दुखद दुर्घटना 15 जून को सामने आई, जब आर्यन हेली कंपनी का एक हेलिकॉप्टर गुप्तकाशी से उड़ान भरते समय गौरी माई खर्क में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट समेत सात श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। दुर्घटना के कारण के रूप में खराब मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया है।इस घटना के बाद डीजीसीए ने तत्परता दिखाते हुए हेलिकॉप्टर सेवाएं दो दिनों के लिए स्थगित कर दीं और मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रांस भारत कंपनी के दोनों पायलटों के लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिए गए। इसके अलावा, आर्यन कंपनी के प्रबंधन से लंबी पूछताछ की गई और राजस्व विभाग द्वारा कंपनी प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।


डीजीसीए की समीक्षा के बाद तय होगी अगली उड़ान नीति

केदारनाथ हेलीकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने पुष्टि करते हुए कहा है कि वर्तमान में सभी हेली कंपनियों ने केदारघाटी से अपने ऑपरेशन्स स्थगित कर दिए हैं, और अब ये सेवाएं सितंबर माह में दोबारा शुरू की जाएंगी, जब मानसून की गतिविधियाँ समाप्त हो जाएंगी।इससे पहले, 7 जून को भी क्रिस्टल हेली कंपनी के एक हेलिकॉप्टर को बडासू हेलिपैड से उड़ान भरते समय इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसके बाद DGCA ने सभी कंपनियों के दफ्तरों की जांच की और शटल सेवाओं को नए निर्देशों के तहत संचालित किया। वर्ष 2025 की केदारनाथ यात्रा का पहला हवाई चरण दुर्घटनाओं, मौसम की चुनौती और तकनीकी निरीक्षणों से भरा रहा। जहां एक ओर हजारों श्रद्धालुओं को कठिनाइयाँ झेलनी पड़ीं, वहीं दूसरी ओर हेली कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। अब उम्मीद की जा रही है कि सितंबर में मानसून समाप्त होने के बाद सेवा का तीसरा चरण सुचारु रूप से संचालित होगा, जिसमें श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और संतोष को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

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