उत्तराखंड में आफत की बारिश: 87 सड़कें ठप, अगले कुछ दिन और मुश्किल!

देहरादून। उत्तराखंड में मानसून सक्रिय होते ही एक बार फिर पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते राज्य में भूस्खलन और मलबा आने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण प्रदेशभर में 87 से अधिक सड़कें आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, संबंधित विभागों की ओर से बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, लेकिन लगातार बारिश और खराब मौसम की वजह से कार्यों में रुकावटें आ रही हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिला है, जहां 17 सड़कें बंद हैं। इसके अतिरिक्त पिथौरागढ़ में 15, टिहरी में आठ, नैनीताल में सात, पौड़ी में छह, देहरादून में पांच, रुद्रप्रयाग में चार, चंपावत में तीन, बागेश्वर में नौ, अल्मोड़ा में एक और उत्तरकाशी जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 12 सड़कें बंद पड़ी हैं। इन सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

येलो अलर्ट जारी, स्कूल रहेंगे बंद

मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार (10 जुलाई) के लिए देहरादून, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में तेज बारिश और बिजली गिरने की भी आशंका है, जिससे प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। शेष जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावना को देखते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।देहरादून जिले में भारी बारिश की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने एहतियात के तौर पर सभी सरकारी और निजी स्कूलों, साथ ही आंगनवाड़ी केंद्रों को 10 जुलाई को बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यालयों पर लागू होगा।

प्रशासन और आपदा प्रबंधन सक्रिय

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD), बीआरओ और अन्य एजेंसियां सड़कों को खोलने के लिए कार्य में जुटी हैं। कई इलाकों में जेसीबी और अन्य भारी मशीनरी लगाई गई है ताकि मलबा हटाकर जल्द से जल्द मार्गों को बहाल किया जा सके।प्रदेशभर में बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव, पेड़ गिरने और बिजली की आपूर्ति बाधित होने की भी घटनाएं सामने आई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में जिला कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

क्या करें, क्या न करें

  • बारिश और भूस्खलन की संभावनाओं को देखते हुए पहाड़ी इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचें।
  • संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन की चेतावनी पर ध्यान दें।
  • बच्चों को स्कूल न भेजें, विशेषकर देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिले में।
  • किसी भी आपात स्थिति में तुरंत 1077 (आपदा नियंत्रण कक्ष) पर संपर्क करें।

उत्तराखंड में मानसून की यह मार आगे और कितनी गंभीर होगी, इसका अंदाजा फिलहाल नहीं लगाया जा सकता, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनियों और सड़क बंद होने की घटनाओं को देखते हुए जनता को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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