
उत्तरकाशी (उत्तराखंड), 05 अगस्त 2025 – उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार सुबह बादल फटने की भयावह घटना ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी। खीरगंगा में अचानक आई भीषण बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला प्रशासन के अनुसार अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
चीख-पुकार और तबाही का मंजर
प्राकृतिक आपदा के इस कहर के चलते पूरा धराली बाजार मलबे में तब्दील हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार जैसे ही पानी का सैलाब गांव की ओर बढ़ा, वहां अफरा-तफरी मच गई। कई होटल, दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मलबा और पानी कई होटलों में घुस गया है। सेना, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों को तत्काल राहत एवं बचाव कार्य के लिए रवाना किया गया है।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस त्रासदी पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “उत्तरकाशी की धराली में आई आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं और सभी की कुशलता की कामना करता हूं। मैंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर हालात की जानकारी ली है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और लोगों तक सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस भीषण त्रासदी पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “उत्तरकाशी में अचानक आई बाढ़ के दृश्य अत्यंत विचलित करने वाले हैं। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बहुमूल्य जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।”
जेपी नड्डा और अमित शाह की प्रतिक्रिया
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ट्वीट करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में भाजपा के सभी कार्यकर्ता पीड़ितों की हर संभव मदद में लगे हुए हैं। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति की जानकारी ली है और ITBP की 3 टीमों और NDRF की 4 टीमें घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं। जल्द ही ये टीमें बचाव कार्यों में जुट जाएंगी।
हर्षिल में सेना का बेस कैंप और हेलिपैड तबाह
खीरगंगा के बाद हर्षिल सेना कैंप के पास बहने वाली तेलगाड़ नदी भी उफान पर आ गई है। जिससे वहां भी भय और दहशत का माहौल है। सेना का बेस कैंप और हेलिपैड क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके चलते गंगोत्री हाईवे भी पूरी तरह बंद हो गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी
धराली क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है। स्थानीय प्रशासन और सेना की मदद से राहत कार्यों को तेज़ किया जा रहा है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि “हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन और अन्य एजेंसियां युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं। मैं स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं।”
आपदा कंट्रोल रूम एक्टिव, हेल्पलाइन नंबर जारी
आपदा नियंत्रण कक्ष को पूरी तरह एक्टिव किया गया है और प्रभावित लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:
- 📞 01374-222126
- 📞 01374-222722
- 📞 9456556431
MI हेलिकॉप्टर और चिनूक की मांग
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने भारत सरकार से दो MI और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत कार्यों के लिए भेजने का अनुरोध किया है, ताकि दुर्गम क्षेत्रों में भी तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके।
निष्कर्ष
उत्तरकाशी की धराली में आई इस आपदा ने एक बार फिर हिमालयी क्षेत्रों की नाज़ुक पारिस्थितिकी और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि सरकार और सुरक्षा बलों की तत्परता से कई जानें बचाई जा रही हैं, लेकिन यह त्रासदी उत्तराखंड के लिए एक बड़ी चेतावनी है। राहत और पुनर्वास कार्यों की सफलता पर ही भविष्य की सुरक्षा निर्भर करेगी।