चुनाव आयोग सख्त एक्शन में: डाटा लीक मामले में बंगाल के दो अधिकारियों पर गिरी गाज, तत्काल सस्पेंशन

डाटा सुरक्षा नीति के उल्लंघन पर भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने कड़ा रुख अपनाते हुए पश्चिम बंगाल में तैनात दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ERO) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (AERO) को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने ईआर (Electoral Roll) डाटाबेस के लॉगिन क्रेडेंशियल्स अनधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा किए और मतदाता सूची में गलत प्रविष्टियां दर्ज कीं।

चुनाव आयोग की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, बारुईपुर पूर्व (विधानसभा संख्या 137) के ईआरओ देबोताम दत्ता चौधुरी और एईआरओ तथागत मंडल, मोयला के ईआरओ बिप्लब सरकार और एईआरओ सुदीप्त दास को गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और डाटा साझा करने के अपराध में तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। आयोग ने यह भी कहा है कि इन अधिकारियों ने अपने संवैधानिक दायित्वों का गंभीर उल्लंघन किया है।

चुनाव आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस कार्रवाई की पुष्टि की और कहा कि चुनावी डाटा की सुरक्षा सबसे अहम है। उन्होंने बताया कि चुनावी रिकॉर्ड को लेकर भेजे गए एक वीडियो में यह स्पष्ट हुआ कि अधिकारी अपने कार्यों के निर्वहन में असफल रहे और मतदाता सूची में कई गलत प्रविष्टियां की गईं।

आयोग ने सख्त निर्देश दिए हैं कि इन चारों अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हाल्दर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। यह कार्रवाई आयोग की शून्य सहिष्णुता नीति का हिस्सा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह मामला पूरे देश में एक मिसाल बन सकता है कि चुनाव आयोग अब डिजिटल डाटा और संवेदनशील चुनावी प्रक्रियाओं के उल्लंघन को लेकर और अधिक गंभीर है।

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