हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन का कहर लगातार जारी है। राज्य के कई क्षेत्रों में रात से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कुल्लू जिले के पीज गांव में नाले का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसके कारण शास्त्रीनगर नाले में बाढ़ आ गई। बड़े पैमाने पर मलबा और पानी संपर्क सड़क पर आ गया, जिससे कई वाहन फंस गए और आसपास की दुकानों में भी नुकसान हुआ। जलस्तर बढ़ते ही लोग सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए।
प्रशासन ने मनाली और बंजार उपमंडल के सभी शिक्षण संस्थानों में आज अवकाश घोषित किया है। राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित कुल 402 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा, 550 बिजली ट्रांसफार्मर और 132 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी और कुल्लू जिलों में सबसे अधिक सड़कें ठप हैं।
ऊना जिले में जनजीवन प्रभावित
ऊना जिले के अंब और गगरेट उपमंडल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। कई जगह सड़कों पर जलभराव हो गया। बंगाणा में भारी बारिश में पेपर देने पहुंचे विद्यार्थियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जिला दंडाधिकारी जतिन लाल ने आदेश जारी कर उपमंडलों के सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और आंगनबाड़ी केंद्र 20 अगस्त को बंद रखने का निर्णय लिया।
उपमंडल अंब के तहत राजकीय माध्यमिक पाठशाला टकारला में भी बारिश का पानी घुस गया। स्कूल के सभी कमरों में लगभग दो फीट पानी भर गया, जिससे स्कूल का कुछ रिकॉर्ड भी खराब हुआ।

मौसम का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के कई हिस्सों में 26 अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। 20, 22 और 23 अगस्त को येलो अलर्ट रहेगा, जबकि 24 से 26 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात दर्ज बारिश का आंकड़ा भी चिंताजनक है। कुल्लू में 68.0 मिमी, देहरा गोपीपुर 63.4 मिमी, पालमपुर 60.4 मिमी, सोलन 56.0 मिमी, गुलेर 55.8 मिमी, बिलासपुर 50.8 मिमी, जुब्बड़हट्टी 47.2 मिमी, श्रीनयना देवी 46.6 मिमी, नादौन 40.0 मिमी, जोगिंद्रनगर 38.0 मिमी, नगरोटा सूरियां 37.4 मिमी और सुजानपुर टिहरा 36.4 मिमी रिकॉर्ड की गई।
मानसून में अब तक का नुकसान
इस मानसून सीजन (20 जून से 20 अगस्त) में प्रदेश में भारी तबाही हुई है। 276 लोगों की मौत, 336 घायल और 37 लोग लापता हैं। इसमें से 133 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 3,055 घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। 2,416 गोशालाएं और 1,797 पालतू पशु भी प्रभावित हुए हैं। कुल आर्थिक नुकसान लगभग 2,17,354.38 लाख रुपये पहुंचा है।
स्वां नदी उफान पर
ऊना जिले में मूसलाधार बारिश के कारण स्वां नदी उफान पर है। नदी किनारे बसे गांवों में दहशत का माहौल है। कई जगह पानी खेतों और रास्तों में घुस गया, जिससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हुई है। किसानों की फसलें भी बर्बाद होने लगी हैं। स्वां नदी के तेज बहाव से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं।
कुल्लू जिले में खतरा
कुल्लू जिले की लगघाटी में बादल फटने के कारण ग्राम पंचायत चोपाड़सा के कड़ौन गांव में लगातार भूस्खलन जारी है। ग्रामीणों की उपजाऊ भूमि कट रही है और रात में भी डर के साय में रहने को मजबूर हैं। मंगलवार की रात लगातार हो रही बारिश से दड़का, सुम्मा और रोपड़ी आदि क्षेत्रों में भी भूस्खलन हुआ। वहीं, सरवरी खड्ड के किनारे बसे इलाकों में जलस्तर बढ़ने से खतरा बना हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।