श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को शुक्रवार को सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि 76 वर्षीय विक्रमसिंघे को आपराधिक जांच विभाग (CID) मुख्यालय में बुलाया गया था, जहां उन्हें सरकारी धन के कथित दुरुपयोग की जांच के सिलसिले में बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित होना था।

आरोप का आधार

पुलिस के अनुसार, विक्रमसिंघे पर सितंबर 2023 में अपनी पत्नी प्रोफेसर मैत्री के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए इंग्लैंड की यात्रा करने हेतु सरकारी धन का उपयोग करने का आरोप है। आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति एक आधिकारिक कार्यक्रम के बाद अमेरिका से लौट रहे थे और अपनी पत्नी के निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सरकारी खर्च पर ब्रिटेन गए थे।

जांच और पूछताछ

सीआईडी ने पहले विक्रमसिंघे के कर्मचारियों से यात्रा खर्च के बारे में विस्तार से पूछताछ की थी। अधिकारियों ने बताया कि उनकी यात्रा पर हुए सरकारी खर्च की पूरी जानकारी जुटाई जा रही थी। इसके बाद शुक्रवार को रानिल विक्रमसिंघे को गिरफ्तार कर आगे की जांच के लिए सीआईडी मुख्यालय में लाया गया।

राजनीतिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि

रानिल विक्रमसिंघे ने जुलाई 2022 से सितंबर 2024 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उन्हें 2022 में देश के गहन आर्थिक संकट से उबारने का श्रेय दिया जाता है। इसके पहले उन्होंने छह बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में भी सेवा की। उनकी राजनीतिक यात्रा लंबी और अनुभवपूर्ण रही है, जिसमें उन्होंने देश की कई संवेदनशील परिस्थितियों में नेतृत्व किया।

आरोप और राजनीतिक हलचल

श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी को देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना माना जा रहा है। सरकारी धन का कथित दुरुपयोग और निजी कार्यों के लिए इसे इस्तेमाल करने का आरोप उनके प्रशासन और नीतियों पर गंभीर सवाल उठाता है। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और विपक्षी दलों ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है।

आगे की प्रक्रिया

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ आगे की जांच जारी रहेगी और आरोप साबित होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और सभी कानूनी प्रावधानों का पालन किया जाएगा।

इस गिरफ्तारी से श्रीलंका में राजनीतिक और प्रशासनिक तौर पर एक नया मोड़ आ गया है। देशवासियों की निगाहें अब इस जांच और संभावित कानूनी कार्रवाई पर टिक गई हैं।

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