
चमोली जिले के थराली क्षेत्र में शुक्रवार की रात हुई अतिवृष्टि और क्लाउडबर्स्ट के बाद प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू और राहत कार्य मंगलवार सुबह फिर से शुरू हो गया है। तहसील मुख्यालय राड़ीबगड़ में बचाव दल मशीनों और वाहनों की मदद से मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। इससे पहले भी शुक्रवार की रात से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य लगातार जारी था।
लापता बुजुर्ग की तलाश
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मलबे की सफाई के साथ-साथ लापता व्यक्तियों की तलाश भी चल रही है। चेपड़ों गांव के 78 वर्षीय गंगादत्त जोशी अपनी दुकान से आवश्यक दस्तावेज बचाते समय गदेरे के सैलाब में लापता हो गए थे। उनकी खोज में तीसरे दिन भी बचाव दलों का अभियान जारी है। स्थानीय लोगों ने भी अपने घरों से मलबा हटाने का काम शुरू किया।
राड़ीबगड़ के एक प्रभावित व्यक्ति रमेश ने बताया कि शुक्रवार के बाद शनिवार को भी उनके घर में मलबा आया। सोमवार को उन्होंने खुद मलबा हटाने का काम किया। तहसीलदार अक्षय पंकज ने कहा कि आपदा से संबंधित सभी रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं और लापता बुजुर्ग को खोजने का अभियान लगातार जारी है।
आपदा प्रबंधन और सुरक्षा प्रयास
थराली में आपदा और राहत कार्यों को तेज़ी से किया जा रहा है। खतरा बने पेड़ों को हटाने और गिरे हुए बोल्डरों को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजमार्ग को सुचारू कर दिया गया है और थराली बाजार के ऊपर के पेड़ों व बोल्डरों को हटाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। जिलाधिकारी डा. संदीप तिवारी ने कहा कि सभी सरकारी भवनों और बस्तियों की सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किए जाएंगे।
स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए
थराली आपदा प्रभावितों की मदद के लिए अब स्थानीय लोग भी सक्रिय हो रहे हैं। कुलसारी राहत केंद्र में थराली, देवराड़ा, कोटडीप सहित आसपास के 25 परिवार रह रहे हैं। सोमवार को थराली प्रेस क्लब के सचिव संजय कण्डारी, नारायणबगड़ ब्लॉक कार्यालय के डीईओ महावीर नेगी, बीएमएम आलोक नेगी, जीआरएम योगेंद्र रावत राहत शिविर पहुंचे और प्रभावितों को फल और पानी की बोतलें वितरित कीं। गांव मेटा के समाजसेवी अवतार दानू की टीम ने प्रभावितों को नाश्ता कराया। भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र नेगी, करन सिंह और गुड्डू खत्री ने भी राहत सामग्री उपलब्ध कराई। राहत केंद्र में प्रशासन की ओर से समुचित व्यवस्था की गई है।
विश्वविद्यालयों और अस्पताल से भी मदद
एसजीआरआर विश्वविद्यालय ने सोमवार को थराली आपदा प्रभावितों के लिए राहत सामग्री भेजी। इसके साथ ही श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में प्रभावितों को निशुल्क उपचार देने की घोषणा की गई। आपदा प्रभावित बच्चों को भी विश्वविद्यालय में निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी और रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गंभीर ने राहत सामग्री से लदे वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने विश्वविद्यालय के कर्मचारियों से हरसंभव मदद करने का आह्वान किया।
राहत सामग्री को कर्णप्रयाग और नारायणबगड़ स्थित एसजीआरआर पब्लिक स्कूलों के माध्यम से थराली तक पहुँचाया जाएगा। स्कूलों के प्रधानाचार्य बुद्धबल्लभ डोभाल और शंकर सिंह चौहान ने बताया कि राहत सामग्री स्थानीय प्रशासन के निर्देशों के अनुसार वितरित की जाएगी।
समन्वित प्रयास जारी
थराली में आपदा प्रभावितों की मदद के लिए प्रशासन, स्थानीय लोग और विश्वविद्यालयों का समन्वित प्रयास प्रभावितों को राहत पहुँचाने और मलबा हटाने में अहम भूमिका निभा रहा है। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित इलाकों की सुरक्षा और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।