
पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के फेमस सिंगर गुरु रंधावा (Guru Randhawa) इन दिनों अपने नए गाने ‘अजुल’ (Azul) को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। यह गाना रिलीज होने के बाद से ही यूट्यूब (YouTube) पर ट्रेंड कर रहा है और सोशल मीडिया पर इसके चर्चा का केंद्र बन गया है। रिलीज के सिर्फ तीन हफ्तों में ही गाना म्यूजिक ट्रेंडिंग चार्ट में 12वें नंबर पर पहुँच गया और 43 मिलियन व्यूज पार कर चुका है। हालांकि, इस गाने की लोकप्रियता के साथ-साथ इसे लेकर विवाद भी काफी बढ़ गया है।
controversy का मुख्य कारण गाने में दिखाए गए सीन हैं। ‘अजुल’ में कुछ स्कूली लड़कियों को शामिल किया गया है और गाने में शराब का जिक्र भी किया गया है। यह विषय कुछ दर्शकों को रास नहीं आया और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने गुस्से और आपत्ति दर्ज कराई। एक यूजर ने लिखा, “मुझे हमेशा से गुरु रंधावा से नफरत रही है और अब उनके हालिया म्यूजिक वीडियो ‘अजुल’ ने मुझे उनसे नफरत करने की और भी वजहें दे दी हैं। महिलाओं को वस्तु के रूप में पेश करना संगीत नहीं है। पेडोफीलिया संगीत नहीं है।” इसी तरह एक अन्य यूजर ने कहा, “गुरु रंधावा का नया म्यूजिक वीडियो वाहियात है। एक बड़ा आदमी एक स्कूल गर्ल की तरफ तुरंत आकर्षित हो जाता है और इसे रोमांटिक बना दिया जाता है??? हमने कब से पेडो बिहेवियर को नॉर्मल कर दिया।”
सामाजिक दृष्टि से यह मामला गंभीर माना जा रहा है क्योंकि गाने में लड़कियों को ओब्जेक्टिफाई करने के दृश्य को ग्लैमराइज करने पर भी कड़ी आलोचना हुई है। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, “अपने ट्रेडिशनल इन्फ्लुएंस के चलते गुरु रंधावा को बेहतर पता होना चाहिए। किसी संगीत वीडियो में स्कूली लड़कियों को वस्तु के रूप में दिखाना कला नहीं, बल्कि नुकसानदेह है। बचपन में छेड़छाड़ जैसी चीजों से गुजरने वाली मैं जानती हूं कि यह व्यवहार पहले से ही कितना सामान्य हो गया है। इसे ग्लैमराइज करना बंद करना चाहिए।”
सिर्फ ‘अजुल’ ही नहीं, बल्कि गुरु रंधावा अपने गाने ‘सिर्रा’ को लेकर भी विवादों में फंस चुके हैं। इस गाने में एक लाइन है जिसमें अफीम का जिक्र किया गया है, जिस पर उन्हें अफीम को प्रमोट करने का आरोप लगा और इसके चलते उन्हें समन भी भेजा गया। इस विवाद के कारण सोशल मीडिया पर उनके फैंस और आलोचक दोनों ही अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग इसे कलाकार की स्वतंत्रता का हिस्सा मानते हैं, जबकि अधिकतर लोग इसे समाज और युवा वर्ग पर गलत प्रभाव डालने वाला मान रहे हैं।
इस तरह, ‘अजुल’ न सिर्फ म्यूजिक चार्ट्स में ट्रेंड कर रहा है बल्कि यह एक सामाजिक बहस का केंद्र भी बन गया है। लोगों का मानना है कि इस तरह की सामग्री में संवेदनशीलता की कमी है और इसे देखते हुए इंडस्ट्री को गहरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। गुरु रंधावा की टीम और मेकर्स पर अब यह चुनौती है कि विवाद के बीच भी गाने की लोकप्रियता को संतुलित रूप से संभालें और दर्शकों की चिंताओं का समाधान करें।