देहरादून में पिछले 48 घंटे में बारिश का रिकॉर्ड, सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

उत्तराखंड में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है और राज्य के कई हिस्सों में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, नैनीताल, चंपावत, ऊधम सिंह नगर और बागेश्वर जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा, गरज के साथ आकाशीय बिजली चमकने और तीव्र से अति-तीव्र वर्षा होने की संभावना है। इसे देखते हुए इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी वर्षा के चलते यलो अलर्ट घोषित किया गया है। अन्य जिलों में भी बादल छाए रहने और कई दौर की तीव्र वर्षा होने की आशंका है। गुरुवार को भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का क्रम जारी रहने की संभावना है।

बारिश के लगातार होने से तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। देहरादून में अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो सामान्य से लगभग 6 डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस पर रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब दो डिग्री कम है। मंगलवार को देहरादून में मानसून के मौसम का सबसे कम गर्म दिन रहा। दिन और रात के तापमान में महज चार डिग्री का अंतर रहा। अन्य प्रमुख शहरों में भी पारा चार से छह डिग्री तक गिर गया है, जबकि टिहरी में सर्वाधिक 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

देहरादून में बीते दो दिनों में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहा। सितंबर की शुरुआत में ही प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में सामान्य से कई गुना अधिक वर्षा रिकार्ड की गई। केवल देहरादून में ही 124 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से लगभग 500 प्रतिशत अधिक है। यह आंकड़ा इस दशक में सितंबर के पहले दो दिनों में दर्ज सबसे अधिक वर्षा में शामिल है। वर्ष 2016 और 2010 में ही इतनी अधिक बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आज भी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में वर्षा का क्रम जारी रह सकता है।

बारिश के कारण शहर में जलभराव का सामना करना पड़ा। मंगलवार को तड़के शुरू हुई रिमझिम बारिश दोपहर में झमाझम वर्षा में बदल गई और लगभग आठ घंटे तक लगातार बरसी। इस दौरान शहर के चौक-चौराहे जलमग्न हो गए और सड़कों पर भारी मात्रा में पानी बहता रहा। नदियों और नालों में उफान आने के कारण आसपास की बस्तियों में भी खतरा पैदा हो गया।

लगातार हो रही बारिश से सड़कें भी प्रभावित हुई हैं। मुख्य मार्गों से लेकर आंतरिक सड़कों पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है। विभाग ने लोगों से अधिक सावधानी बरतने और नदी-नालों के किनारे न जाने की अपील की है। मौसम विभाग ने बताया कि बारिश की तीव्रता के चलते, कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जलभराव और भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है।

राज्य के अधिकारी लगातार मौसम और नदी-नालों की स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा टालें और पानी के बहाव वाले क्षेत्रों से दूर रहें। वहीं, प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

उत्तराखंड में इस बारिश ने न केवल तापमान में गिरावट ला दी है बल्कि जनजीवन, परिवहन और दैनिक गतिविधियों पर भी बड़ा असर डाला है। आने वाले दिनों में लगातार मौसम की स्थिति पर नजर रखने और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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