
📰 देहरादून में प्रधानमंत्री का दौरा: पहली बार खुलेगा नया गेट, स्टेट गेस्ट हाउस में आपदा प्रभावितों से करेंगे मुलाकात
देहरादून एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे को देखते हुए इस बार सुरक्षा और व्यवस्थाओं में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। सबसे अहम बदलाव यह है कि एयरपोर्ट से स्टेट गेस्ट हाउस तक आवाजाही के लिए पहली बार बनाए गए नए गेट को खोला जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से न केवल सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी होगी बल्कि वीवीआईपी मूवमेंट भी पहले की तुलना में कहीं अधिक सुगम हो जाएगा।
स्टेट गेस्ट हाउस के समीप इस मौके पर एक विशाल पंडाल भी तैयार किया गया है। इसी पंडाल में प्रधानमंत्री आपदा प्रभावितों और आपदा वीरों से आमने-सामने मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात उत्तराखंड में हाल के दिनों में आई प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े हालात और राहत कार्यों के प्रति केंद्र सरकार की गंभीरता को दर्शाएगी। प्रधानमंत्री इस दौरान आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वीरों का भी मनोबल बढ़ाएंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में शामिल होंगे। बैठक में राज्य और केंद्र स्तर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे और आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास तथा भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा होगी। बैठक के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
गेस्ट हाउस तक पहुंचने के लिए बनाए गए नए मार्ग और गेट का इस्तेमाल इस बार पहली बार किया जाएगा। एयरपोर्ट टोल बैरियर से पहले दाहिनी ओर कोठारी मोहल्ले तक जाने वाला यह मार्ग सीधे स्टेट गेस्ट हाउस तक पहुंचाता है। पहले एयरपोर्ट टर्मिनल से पास बनवाकर और सुरक्षा जांच की लंबी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही गेस्ट हाउस तक आवाजाही होती थी, जिससे काफी वक्त लगता था। लेकिन अब एयरपोर्ट बाउंड्री के बाहर से ही सीधी आवाजाही संभव होगी।
पार्किंग व्यवस्था को लेकर भी पुलिस और प्रशासन ने नए इंतजाम किए हैं। कोठारी मोहल्ले में वाहनों की पार्किंग के लिए स्थान चुना गया है और जेसीबी की मदद से झाड़ियों को साफ कराया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस बार गेस्ट हाउस आने वाले सभी वाहनों की पार्किंग यहीं होगी, ताकि सुरक्षा और यातायात में कोई बाधा न आए।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री के इस दौरे के मद्देनजर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। नए गेट और मार्ग के खुलने से न केवल सुरक्षा में मजबूती आएगी, बल्कि वीवीआईपी और अधिकारियों की आवाजाही भी अधिक सुव्यवस्थित हो सकेगी। यह बदलाव राज्य की आपदा प्रबंधन बैठक और प्रभावितों से संवाद को और अधिक प्रभावी बनाने में मददगार साबित होगा।