
देहरादून के सरखेत और सेरकी गांव के लोग अब तक अतिवृष्टि की तबाही से उबर नहीं पाए हैं। प्रलय की रात की भयावह यादें ग्रामीणों को आज भी चैन से सोने नहीं दे रही हैं। सड़कें टूट चुकी हैं, खेत बह गए हैं और मेहनत से बोई गई फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
सरखेत गांव के निवासी विकास रावत ने बताया कि सोमवार की रात अचानक जोरदार धमाका हुआ और पानी का तेज बहाव उनके घर की ओर बढ़ने लगा। परिवार को लेकर वे पूर्व प्रधान के घर शरण लेने पहुंचे। जब वे लौटे तो घर में चार फीट पानी भरा था और अनाज व बिस्तर सब नष्ट हो गए। वहीं, मंगल सिंह पंवार की रोज़ी-रोटी उनकी किराने की दुकान थी, लेकिन बाढ़ ने उनका सारा सामान खराब कर दिया।
सेरकी गांव में भी हालात कम भयावह नहीं हैं। सैकड़ों बीघा धान, अदरक और दाल की फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा की रात से अब तक किसी को चैन की नींद नहीं आई। स्थानीय क्षेत्र पंचायत सदस्य कविता सकलानी और पूर्व प्रधान आरती पंवार ने प्रभावित परिवारों की स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों की पीड़ा सुनी।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को जल्द से जल्द राहत और पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि लोग सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।
DehradunFloods #SarKhetVillage #SerkiVillage #UttarakhandDisaster #DehradunNews #HeavyRainDehradun #UttarakhandFloods #DisasterRelief #NaturalDisaster #DehradunUpdates #UttarakhandNews #FloodAffectedVillages #Maldevta #DehradunTragedy #UttarakhandRainFury