
देहरादून: The Indian Exposure की 4 नवंबर 2025 की ख़बर के बाद बड़ा असर देखने को मिला है। बिल्डर शाश्वत गर्ग और उनके पूरे परिवार के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने के मामले में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) ने रायपुर-थानो रोड स्थित “इंपीरियल वैली” आवासीय परियोजना में सभी तरह की जमीनों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।
The Indian Exposure की खबर में यह उजागर किया गया था कि बिल्डर शाश्वत गर्ग, उनकी पत्नी साक्षी गर्ग, माता-पिता और बेटे सहित 17 अक्टूबर से लापता हैं, जिससे निवेशकों में भारी चिंता और संदेह पैदा हो गया था। इसके बाद निवेशक कमल गर्ग ने रेरा में शिकायत दर्ज कर इंपीरियल वैली में बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी।
रेरा के प्रभारी अध्यक्ष अमिताभ मैत्रा ने बताया कि निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए यह आदेश पारित किया गया है, क्योंकि आशंका थी कि बिल्डर के लापता होने के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्लॉटों की ग़ैरकानूनी बिक्री हो सकती है।
गौरतलब है कि इंपीरियल वैली में करोड़ों रुपये का निवेश किया गया है और बिल्डर के गायब होने से निवेशक अपनी रकम डूबने की आशंका जता रहे हैं।
The Indian Exposure की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ था कि बिल्डर की एक कार हरिद्वार की पार्किंग से बरामद हुई, जिसमें सुसाइड नोट मिलने की चर्चा है और कुछ लोगों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद मामला और गंभीर हो गया।
अब रेरा के आदेश के बाद इंपीरियल वैली की सभी प्लॉट डीलिंग्स पर रोक लगा दी गई है। यह कदम The Indian Exposure की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद लिया गया, जिससे यह साबित होता है कि मीडिया रिपोर्टिंग ने इस बड़े रियल एस्टेट घोटाले पर नियामक कार्रवाई को प्रेरित किया।
🔹 दिनांक: 4 नवंबर 2025
🔹 प्रकाशन: The Indian Exposure
🔹 परिणाम: RERA द्वारा इंपीरियल वैली प्रोजेक्ट में प्लॉट बिक्री पर रोक आदेश जारी
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