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फायर केस के बाद गोवा प्रशासन का कड़ा रुख, क्लब पर ध्वस्तीकरण का आदेश - The Indian Exposure

फायर केस के बाद गोवा प्रशासन का कड़ा रुख, क्लब पर ध्वस्तीकरण का आदेश

गोवा में स्थित नाइट क्लब ‘बिर्क बाय रोमियो लेन’ के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने क्लब को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने के निर्देश दिए हैं। गोवा सीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि क्लब के संचालक गौरव और सौरभ लूथरा के खिलाफ इंटरपोल द्वारा ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। इसके लिए गोवा पुलिस ने सीबीआई के माध्यम से इंटरपोल से संपर्क किया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तरी गोवा जिला प्रशासन को सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद क्लब को गिराने का निर्देश दिया गया है। अधिकारी के अनुसार, यह नाइट क्लब सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था और इसे मंगलवार को तोड़ दिया जाएगा। प्रशासन ने इसके लिए मशीनरी और टीम को पूरी तरह तैयार कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक, आगजनी की घटना के कुछ ही घंटों बाद गौरव और सौरभ लूथरा थाईलैंड के फुकेट भाग गए थे। ब्लू कॉर्नर नोटिस किसी व्यक्ति की लोकेशन, गतिविधियों और पहचान से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए जारी किया जाता है।

रविवार को गोवा के अरपोरा गांव में स्थित इसी नाइट क्लब में भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। बताया गया है कि इस क्लब को लेकर कई सालों से अवैध निर्माण की शिकायतें मिलती रही थीं। जमीन के असली मालिक प्रदीप अमोनकर ने खुलासा किया कि जिस जमीन पर यह क्लब बना था, वह विवादित है।

अमोनकर ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में सुरिंदर खोसला मुख्य आरोपी है और उसके देश छोड़कर फरार होने की भी आशंका है। वहीं राज्य प्रशासन ने स्थानीय पंचायतों पर भी अवैध निर्माण को मंजूरी देने के आरोप लगाए हैं। बयान के अनुसार, क्लब को बिजली, पानी कनेक्शन और मरम्मत की एनओसी दी गई थी, जबकि इसका ट्रेड लाइसेंस मार्च 2024 में ही समाप्त हो चुका था।

अमोनकर ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1994 में अरपोरा गांव में दो प्लॉट खरीदे थे और 2004 में सुरिंदर कुमार खोसला के साथ समझौता किया था, लेकिन भुगतान न होने के कारण सौदा रद्द हो गया था। इसके बावजूद खोसला ने उस जमीन पर निर्माण करा लिया, जिसे बाद में सौरभ और गौरव लूथरा ने अपने कब्जे में लेकर नाइट क्लब के रूप में संचालित किया।

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