
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बुधवार को पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने भाजपा सरकार पर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक दंगे कराने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि कांग्रेस बार- बार यही आरोप लगाती आई है कि देश-प्रदेश में जहां-जहां भी सांप्रदायिक तनाव/ दंगे हुए हैं, वहां इसी चिन्हित विचारधारा से जुड़े चेहरे ही बेनकाब हुए हैं। धर्म, छद्म हिंदुत्व, गौमाता और साम्प्रदायिकता ही इस विचारधारा के लिए राजनैतिक फसल काटने व सत्ता निर्माण का माध्यम बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मप्र में अगले साल विधानसभा चुनाव है, पिछले 15 वर्षीय शिवराज सरकार के शासनकाल में प्रगति, विकास, गरीबी, बेरोजगारी, मजदूर, किसानों, नौजवानों व विभिन्न वर्गों के उत्थान को लेकर शिवराज सरकार विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार तथा झूठी घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं कर पाई है। इसके लिए अब तनाव फैलाना, दंगे करवाना ही उसकी निगाह में अब प्रगति और विकास के दूसरे नाम व काम में तब्दील हो गए है। रायसेन, रतलाम, खरगोन आदि स्थानों में घटित घटना, इनमें हुई मौतें उक्त प्रामाणिक आरोपों की पुष्टि कर रही हैं।
अरुण यादव ने बुरहानपुर की 2 मई की घटना का जिक्र कर कहा कि यहां मालीवाड़ा में हनुमान मंदिर में मूर्ति से छेड़छाड़ की गई। हनुमान जी की आंखें निकाल ली गई। इससे क्षेत्र में दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। क्षेत्र में तनाव फैल गया। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर लिया, जो भाजपा से जुड़े नेता का रिश्तेदार है।
खरगोन दंगे में मौत की हो सीबीआई जांच
पूर्व मंत्री एवं विधायक पी.सी. शर्मा ने कहा कि खरगोन में 11 अप्रैल को ही इदरीश की मौत हो चुकी थी। सरकार ने उसका शार्ट पोस्टमार्टम भी कराया, जिसमें धारदार चोटों के कारण मृत्यु संबंधी जिक्र था। इसके बावजूद उस की डेड बॉडी को रेफर किया गया और बाद में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज की। जबकि पहले ही इस घटना की एमएलसी सूचना पुलिस के पास थी। सरकार को यह बताना चाहिए कि इदरीश की मौत पर इस तरह की लीपापोती करने की चेष्टा क्यों की गई? मृत्यू के 7 दिन बाद परिजनों को उसका शव क्यों सौंपा गया? शर्मा ने इदरीश की मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।