
पंजाब में मौसम के एक बार फिर से करवट बदलते ही बिजली की मांग में वृद्धि दर्ज की जा रही है। शुक्रवार को प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 9067 मेगावाट रही। ऐसे में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पावरकाम ने अपने रोपड़ प्लांट की बंद पड़ी एक यूनिट को चालू कर दिया।
हालांकि रोपड़, लहरा मुहब्बत, तलवंडी साबो और गोइंदवाल की एक-एक यूनिट अभी भी बंद पड़ी है। जिसके चलते पंजाब में बिजली की कमी बनी हुई है। उधर थर्मलों में कोयले का संकट भी बरकरार है। पंजाब के रोपड़ थर्मल प्लांट में पांच, लहरा मुहब्बत में दो, तलवंडी साबो में छह, राजपुरा में 20 और गोइंदवाल में दो दिनों का कोयला शेष बचा है।
पंजाब में एक बार फिर गर्मी बढ़ते ही बिजली की अधिकतम मांग शुक्रवार को 9067 मेगावाट दर्ज की गई, जबकि वीरवार को अधिकतम मांग 8537 मेगावाट दर्ज की गई थी। वहीं बुधवार को पंजाब के विभिन्न शहरों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होने के बाद मांग एकदम से गिरकर सात हजार मेगावाट तक पहुंच गई थी।
ऐसे में बिजली की मांग में वृद्धि के मद्देनजर पावरकाम ने शुक्रवार को अपने रोपड़ प्लांट की 210 मेगावाट की एक यूनिट को चालू कर दिया। लेकिन रोपड़ प्लांट समेत लहरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल की चार यूनिटों के बंद रहने से शुक्रवार को 1350 मेगावाट बिजली की सप्लाई ठप रही। इस कारण मांग के मुकाबले पावरकाम के पास 3932 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रही। इसमें से पावरकाम को अपने रोपड़ व लहरा की यूनिटों से 1124 मेगावाट बिजली मिली।
उधर, प्राइवेट थर्मलों से 2400 मेगावाट और हाइडल से 357 मेगावाट, नान सोलर प्रोजेक्टों से 68 मेगावाट व अन्य स्रोतों से बिजली प्राप्त हुई। ऐसे में मांग के मुकाबले आपूर्ति कम रहने के कारण 5135 मेगावाट बिजली की कमी रही। इसे पूरा करने के लिए पावरकाम ने बाहर से 4100 मेगावाट बिजली ली। लेकिन फिर भी 1035 मेगावाट बिजली की कमी रही। जिसके चलते गांवों में दो से तीन घंटे तक के कट लगे।