
भीषण गर्मी में बिजली की आवाजाही ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। शहर हो या गांव, दिन हो या रात, अघोषित कटौती का सिलसिला जारी है। प्रदेश में बिजली की मांग 25 हजार मेगावाट पार हो गई है। ऐसे में पावर कॉर्पोरेशन की चुनौती और बढ़ गई है। 3,000 से 4,000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किए जाने के बावजूद आपूर्ति व्यवस्था पटरी पर रखना मुश्किल हो रहा है। बिजली का संकट का असर उद्योग-धंधों पर भी पड़ रहा है। फिर भी पावर कॉर्पोरेशन आपूर्ति व्यवस्था सामान्य होने का दावा कर रहा है।
प्रदेश में शनिवार को बिजली की मांग 25,261 मेगावाट तक पहुंच गई है। यह अब तक की सर्वाधिक मांग है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के अधिकारियों की मानें तो केंद्र से 1500-2000 मेगावाट, बैंकिंग से 1300-1700 मेगावाट और एनर्जी एक्सचेंज से 2300 मेगावाट तक बिजली खरीदकर आपूर्ति व्यवस्था पटरी पर रखने की कोशिश की जा रही है। पर जमीनी हकीकत कुछ और हैं। लखनऊ के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जबर्दस्त बिजली संकट चल रहा है। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां सुबह से लेकर रात तक कम से कम एक दर्जन से ज्यादा बार बत्ती गुल न हो रही हो। अलग-अलग क्षेत्रों में 15 मिनट से लेकर एक-एक घंटे तक बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों का चैन छीन लिया है।
एसएलडीसी की ओर से गांवों और बुंदेलखंड को छोड़कर सभी जगह तय शिड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है लेकिन शायद ही कोई महानगर, मंडल मुख्यालय, जिला मुख्यालय, नगर पंचायत या तहसील हो जहां शिड्यूल के अनुसार आपूर्ति हो पा रही हो। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत भर बिजली का इंतजाम किया जा रहा है पर हो सकता है कि लोकल फाल्ट या अन्य तकनीकी वजहों से कटौती हो रही हो। हालांकि कुछ अधिकारी दबी जुबान मानते हैं कि वास्तव में जितनी बिजली की जरूरत है, उतनी उपलब्ध न होने से दिक्कतें आ रही हैं और वितरण प्रणाली को सुरक्षित रखने के लिए गाहे-बगाहे अघोषित कटौती करनी पड़ रही है।
बिजली की आवाजाही का उद्योग-धंधों पर भी असर पड़ रहा है। खास तौर पर छोटे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। शाम के वक्त बिजली गुल होने से बाजारों में व्यापारी भी परेशान हो रहे हैं। पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज का कहना है कि बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शिड्यूल के अनुसार आपूर्ति के लिए अतिरिक्त बिजली का इंतजाम किया गया है। सभी क्षेत्रों को तय रोस्टर के अनुसार बिजली देने की पूरी कोशिश की जा रही है।