
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन गुरुवार (स्थानीय समय) दोपहर दक्षिण कोरिया और जापान की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। उनकी इस यात्रा का लक्ष्य दोनों देशों के नेताओं के साथ संबंधों को मजबूत करना है। इस यात्रा का मकसद चीन को संदेश देना भी है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर चीन को प्रशांत क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को विराम देना चाहिए। बतौर राष्ट्रपति जो बिडेन का एशिया में यह पहली यात्रा है।
पीएम मोदी से होगी मुलाकात
बता दें कि राष्ट्रपति बिडेन अपनी यात्रा की शुरुआत दक्षिण कोरिया से करेंगे और यात्रा की समाप्ति जापान में क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद करेंगे। बिडेन, जापान में क्वाड शिखर में कई नेताओं से मुालाकात करेंगे, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं। बता दें कि दोनो नेताओं की आखिरी मुलाकात सितंबर में व्हाइट हाउस में हुई थी।
बाइडेन की यात्रा दक्षिण कोरिया से शुरू होगी, जहां वह देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति यूं सुक-योल से मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि बिडेन दक्षिण को उत्तर कोरिया से अलग करने वाले भारी किलेबंद विसैन्यीकृत क्षेत्र में नहीं जाएंगे। सुलिवन ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी और कोरियाई सैनिकों को हमारी सामूहिक सुरक्षा की रक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। रविवार को बाइडेन जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और जापानी सम्राट नारुहितो से मुलाकात करेंगे।
चीन तक सुना जाएगा यात्रा का संदेश
मंगलवार को क्वाड के नेता दूसरे इन-पर्सन समिट के लिए मिलेंगे। शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय और आस्ट्रेलियाई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि इस यात्रा का संदेश किस हद तक चीन को दी गई एक चेतावनी है, सुलिवन ने कहा कि संदेश ‘ चीन (बीजिंग) में सुना जाएगा, लेकिन यह एक नकारात्मक संदेश नहीं है, और यह किसी एक देश को लक्षित नहीं है।’