
हरियाणा से पर्याप्त पानी यमुना नदी में नहीं छोड़ने के कारण राजधानी के करीब 30 प्रतिशत इलाके में पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है। दरअसल यमुना नदी स्थित वजीराबाद बैराज में जलस्तर अत्याधिक कम होने से उससे जुड़े दिल्ली जल बोर्ड के तीन जल शोधक संयंत्रों से पानी की आपूर्ति करीब 60 प्रतिशत प्रभावित हो गई है।
यमुना नदी में हरियाणा की ओर से पर्याप्त पानी नहीं छोड़ने के कारण वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर निरंतर कम हो रहा है। इसका सीधा असर इससे जुड़े दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधक संयंत्र पर पड़ रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार इन संयंत्रों से पानी की आपूति 60 प्रतिशत प्रभावित हो रही है।
इन इलाकों में असर
इस कारण इन संयंत्रों से जुड़े नई दिल्ली, सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, जहांगीरपुरी, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, बुराड़ी, दिल्ली छावनी और आसपास के क्षेत्र में आठ दिन से पेयजल संकट बना हुआ है।इन इलाकों में पेयजल आपूर्ति काफी कम दबाव से हो रही है और पेयजल आपूर्ति कुछ समय के लिए आती है। इस कारण इन इलाकों के निवासी पीने का भी पानी नहीं भर पाते है।
वजीराबाद बैराज काफी महत्वपूर्ण
दिल्ली एक लैंडलॉक शहर है। यहां ज्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है। उत्तर प्रदेश गंगा के पानी की आपूर्ति करता है और हरियाणा से यमुना के पानी की आपूर्ति होती है। वहीं पंजाब के भाखड़ा से भी कुछ पानी मिलता हैं। इनमें सबसे ज्यादा पानी की आपूर्ति हरियाणा से होती है। यमुना दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 15 किमी ऊपर पल्ला में प्रवेश करती है, जो दिल्ली का एक मुख्य जलाशय है। यह बैराज वर्ष 1959 में यमुना नदी पर बनाया गया था। यह एक विशेष प्रकार का बांध है, जिसमें बड़े-बड़े द्वारों की श्रंखला है। बैराज नदियों के प्रवाह व उनके जलस्तर को नियंत्रित करता है।