बिजली विभाग की लापरवाही से बच्ची को खोने पड़े दोनों हाथ, हाईकोर्ट ने 95 लाख मुआवजा देने का दिया आदेश

Punjab and Haryana Highcourt

बिजली विभाग की लापरवाही से बिजली के नंगे तार के संपर्क में आकर दोनों हाथ गंवाने वाली यशिका को बतौर मुआवजा 95 लाख रुपये देने का पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को आदेश दिया है। याचिका दाखिल करते हुए गुरुग्राम निवासी यशिका ने बताया कि 2016 में जब वह 10 साल की थी अपने स्कूल से लौट रही थी। इस दौरान वह एक टूटे खंभे से लटकती तार के संपर्क में आ गई। इसके बाद तुरंत उसके पिता ने उसे सोहना के अस्पताल में भर्ती करवाया। 

याची की हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया। वहां पर बच्ची की जान बचाने के लिए उसके दोनों हाथों को काटने का निर्णय लेना पड़ा। अब इसे बिजली विभाग की लापरवाही बताते हुए मुआवजे के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी। बिजली विभाग ने मुआवजे का विरोध करते हुए कहा कि किसी वाहन की टक्कर से बिजली का खंभा टूटा था। इस बारे में विभाग को जानकारी भी नहीं दी गई थी। अगर जानकारी दी जाती तो खंभा को तुरंत ठीक किया जाता। ऐसे में विभाग को मुआवजा देने का आदेश नहीं जारी होना चाहिए। 

हाईकोर्ट ने विभाग की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि इस लापरवाही के लिए विभाग ही जिम्मेदार है। हाईकोर्ट ने विभाग को आदेश दिया कि वह यशिका को 95 लाख रुपये बतौर मुआवजा जारी करे। याचिका दाखिल होने की तारीख से इस राशि पर 7 प्रतिशत ब्याज भी दे। हाईकोर्ट ने इस राशि की एफडी करवाने का आदेश दिया है। साथ ही हर माह इस राशि पर आने वाले ब्याज को अलग बचत खाते में डालने का आदेश दिया है। ब्याज की राशि से यशिका का दैनिक खर्च पूरा होगा। याची जब 25 वर्ष की हो जाएगी तो उसे यह राशि जारी करने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। 

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