
आईआईटी कानपुर बिजली, पानी, गैस, तेल और अन्य सार्वजनिक संसाधन कंपनियों पर साइबर हमले रोकने का फूलप्रूफ प्लान बना रहा है। संस्थान को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) की ओर से क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर सिक्योरिटी की जिम्मेदारी मिली है। तकनीक और स्टार्टअप को डीएसटी की ओर से फंड मिलेगा।
सबसे बेहतर तकनीक बनाने वाले स्टार्टअप को एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। देश में साइबर अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। डीएसटी ने इस समस्या को देखते हुए देश में 16 साइबर सिक्योरिटी फिजिकल हब बनाए हैं।
आईआईटी को क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मा दिया गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न कंपनियां अपनी तकनीक, शोध और खोज प्रदर्शित करेंगी। स्टार्टअप इनोवेशन इंक्यूबेशन सेंटर के इंचार्ज प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया कि हब के लिए आईआईटी से इंक्यूबेटेड 31 कंपनियों का चयन हो गया है। अन्य कंपनियों की तलाश जारी है।
सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर डिफेंस ऑफ क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल और प्रो. संदीप शुक्ला के निर्देशन में कंपनियां कार्य करेंगी।