मूसेवाला हत्याकांड: शूटरों को कोटकपूरा हाईवे के ढाबे पर दी गई थी कोरोला,

गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में अब तक जारी जांच में सामने आया है कि हमला करने वाले तीन शूटरों को कोरोला गाड़ी कोटकपूरा हाईवे पर बने एक ढाबे में जगरूप रूपा और मनप्रीत भाऊ ने उपलब्ध कराई थी। इन दोनों को यह काम गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना ने गोल्डी बराड़ के कहने पर दिया था।

यह भी पता चला है कि इसी ढाबे पर शूटरों ने यह भी तय कर लिया था कि वाहन किस रास्ते से जाएंगे और वारदात के बाद किस रास्ते से इलाके से बाहर निकल जाएंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए तीन शूटरों को भी प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब लाकर पूछताछ करने के लिए राज्य पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार जांच टीम को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से अब तक पूछताछ में शूटरों तक पहुंचने में कोई सफलता नहीं मिली है, हालांकि कई शूटरों के नामों का खुलासा लॉरेंस ने जांच टीम के सामने कर दिया है। वहीं दिल्ली पुलिस द्वारा गुजरात से धरे गए तीन शूटरों का हाथ मूसेवाला हत्याकांड में होने के खुलासे के बाद पंजाब पुलिस ने इन तीनों शूटरों से पूछताछ की योजना बनाई है ताकि यह साफ हो सके कि गैंगस्टरों ने शूटरों और अपने गुर्गों के साथ मिलकर पूरा प्लान कैसे बनाया?

इसके साथ ही पंजाब पुलिस की जांच टीम अब तक पकड़े गए 11 लोगों में से मनप्रीत भाऊ, गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना, सराज मिंटू, प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी, मोनू डागर, पवन बिश्नोई, नसीब खान और संदीप केकड़ा की अलग-अलग और परस्पर मिलीभगत वाली भूमिका को क्रमबद्ध करने में जुटी है और दिल्ली पुलिस के हाथ आए शूटरों से इनके संबंधों का भी पता लगा रही है।

उधर, गुजरात से पकड़े गए सोनीपत निवासी प्रियव्रत उर्फ फौजी, झज्जर जिले के कशिश और बठिंडा निवासी केशव कुमार के दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा लिए गए रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद पंजाब पुलिस उन्हें दिल्ली से प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी।

चूंकि दिल्ली पुलिस को इन तीनों के कब्जे से कई हथियार और गोला बारूद भी बरामद हुआ है, जिसे लेकर पंजाब पुलिस यह भी पता लगाना चाहती है कि मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियारों के अलावा शूटरों के पास जो गोला-बारूद मिला है, उसका इस्तेमाल कहां किया जाना था? इन तीनों शूटरों से पूछताछ में ही पंजाब पुलिस को उम्मीद है कि बाकी हमलावरों का भी पता चलेगा और कोरोना गाड़ी के अलावा बाकी जो वाहन हमले में इस्तेमाल किए गए, वे शूटरों को किसने मुहैया कराए थे।

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