पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने गढ़ संगरूर में उपचुनाव में वोट प्रतिशत गिरने से तमाम राजनीतिक दलों के नेता हैरान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने गढ़ संगरूर में उपचुनाव में वोट प्रतिशत गिरने से तमाम राजनीतिक दलों के नेता हैरान हैं। शाम पांच बजे तक 37 फीसदी मतदान से यह साफ हो गया है कि लोगों ने मतदान में रुचि नहीं दिखाई। मतदान प्रतिशत कम होने से यह भी साफ है कि युवाओं ने संगरूर लोकसभा उपचुनावों में उस जोश से हिस्सा नहीं लिया है, जितना चंद माह पहले विधानसभा चुनावों में लिया था।

सीएम मान के विधानसभा क्षेत्र धूरी में महज 33 फीसदी मतदान हुआ है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने अभी तीन माह का समय ही बीता है और संगरूर सीट भगवंत मान के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, क्योंकि वह दो बार जीतकर यह सीट आम आदमी पार्टी की झोली में डालते चुके हैं।

यह चुनाव ऐसे समय में हुआ है, जब कानून-व्यवस्था और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर आप विपक्ष की तीखी आलोचना का सामना कर रही है। सिद्धू मूसेवाला की सिक्योरिटी को कम करना, उसको सार्वजनिक करने के अगले दिन गायक की हत्या हो जाना इससे युवाओं को गहरा आघात लगा है। सिद्धू मूसेवाला के फैन पंजाब से लेकर विदेश तक हैं। मूसेवाला की हत्या के बाद मान सरकार कटघरे में है। ऐसा माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के प्रति युवाओं में खासा रोष है। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अमित तनेजा का कहना है कि इस चुनाव में कानून व्यवस्था का मुद्दा काफी अहम था। 

पंजाब में संदीप नंगल अंबियां से लेकर सिद्धू मूसेवाला तक की हत्या और रोजाना हो रही गैंगवार और लूटपाट से आम नागरिक काफी परेशान है। सिद्धू मूसेवाला मालवा से थे और मालवा में ही उपचुनाव था। ऐसे में लोगों के रोष व गुस्से के कारण मतदान कम हुआ है।

पंजाब के नेताओं को पॉवरलेस रखना भी अहम कारण
पंजाब में दिल्ली सरकार का हावी होना और पंजाब के नेताओं को पॉवरलेस रखना भी इसका अहम कारणा है। तनेजा का कहना है कि पंजाब में 92 विधायक आम आदमी पार्टी के जीतकर आए हैं। उनको जनता की कसौटी पर खरा उतरना होगा, अगर उनकी सुनवाई नहीं होगी और हर काम दिल्ली से होगा तो स्थानीय लोगों का नाराज होना जायज है। यही एक बड़ी वजह है कि लोग लोकतंत्र के इस पर्व से दूर रहे।

ड्रग, बेअदबी के केसों में कार्रवाई न होने से भी गुस्सा
पंजाब में ड्रग, बेअदबी के केसों में ठोस कार्रवाई न होने से भी लोगों में उत्साह नहीं रहा है। अकाली दल के नेता सुखमिंदर सिंह राजपाल का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने चुनावों से पहले लोगों को सपने दिखाए थे। हम आते ही 24 घंटे में ड्रग बेअदबी के केसों में आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे लेकिन उलटा हुआ। लोग सत्ताधारी पार्टी से नाराज हैं।

आप के लिए चुनौती से कम नहीं है संगरूर उपचुनाव 
आम आदमी पार्टी के लिए यह उपचुनाव किसी कड़ी चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का यह गृह इलाका है। पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री भगवंत मान, पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व, पंजाब कैबिनेट और विधायकों ने संगरूर लोकसभा क्षेत्र में अपना डेरा डाल रखा था। इस दौरान वादों को पूरा करने का भरोसा दिया। 

सियासी जानकार मान रहे हैं कि वोटरों ने इस बार आप सरकार की तीन माह की छोटी सी पारी की कारगुजारी को आधार बनाकर फैसला किया है। कई मुद्दों पर आप सरकार भारी है जबकि कुछ मुद्दे, सरकार पर भारी पड़ते दिखे हैं। युवा मतदाताओं के रुझान पर संगरूर उपचुनाव का दारोमदार टिका दिखाई दे रहा है। युवाओं का उपचुनाव की गतिविधियों से किनारा करना किसी भी सियासी दल पर भारी पड़ सकता है। युवाओं के मन को कोई भी सियासी दल पढ़ नहीं सका फिर भी मुख्यमंत्री भगवंत मान, नौजवान वर्ग को अपनी तरफ आकर्षित करने का कोई मौका नहीं चूके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471