
दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू होगा। इसे लेकर पक्ष व विपक्ष ने एक दूसरे को घेरने की रणनीति पूरी कर ली है। सत्ता पक्ष जहां केंद्र की नीतियों के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर सकता है तो वहीं विपक्ष दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी में है। साथ ही यह भी विपक्ष का मानना है कि दिल्ली सरकार चर्चा से बचना चाहती है इसी वजह से महज दो दिनों के लिए ही सत्र बुलाया गया है।
सोमवार को विधानसभा सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी के विधायक जहां केंद्र सरकार की अग्निपक्ष योजना, एमसीडी एकीकरण को लेकर चुनाव टालने को लेकर सदन में हमलावर रहेंगे। सत्ता पक्ष के विधायक दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कामकाज के तरीके से भी नाखुश है। लिहाजा इसपर भी टिका-टिप्पणी होगी।
सत्ता पक्ष सदन में विकाश के कार्यो से भी अवगत कराएंगी। वहीं विपक्ष भी इन सभी मुद्दे पर जबाव देने की तैयारी में है। दिल्ली पानी की समस्या को लेकर भाजपा विधायक सदन में हंगामा कर सकते है। इसी तरह बारिश की वजह से जगह-जगह जलभराव पर भी सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच टकराहट की संभावना है। उधर, प्रदेश भाजपा की तरफ से भी सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर विरोध-प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं से तैयार रहने को कहा गया है।आप सूत्रों का कहना है कि सत्र के दौरान केंद्र की अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। क्योंकि इसके पूर्व पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। इसके साथ ही सरकार दिल्ली रोजगार बजट में किस तरह से युवाओं को रोजगार देने की योजना तैयार की है इससे अवगत कराया जाएगा।
उधर, भाजपा विधायक दल ने एक बैठक कर विधानसभा सत्र के दौरान रणनीतिक मुद्दे तैयार कर लिए। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी कहा है कि भाजपा दिल्ली सरकार बेनकाब करती रहेगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चुनौती दी है कि वह दिल्ली की समस्याओं पर विधानसभा में चर्चा करा लें। भाजपा एक-एक समस्या पर इस सरकार को नाकाम साबित करके दिखा देगी।
विधानसभा सत्र में जनता की समस्याओं पर चर्चा कराने से सरकार भागती रही है। विपक्ष जब भी बिजली, पानी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, प्रदूषण, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर चर्चा की कोशिश करता है तो सरकार उससे भाग उठती है। बावजूद दिल्ली प्रदेश भाजपा और भाजपा विधायक दल सरकार की पोल खोलने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देता। नई शराब नीति के तहत गली-गली में शराब की दुकान खुली, विरोध हुआ तो करीब आधे ठेके नहीं खुल सके। किराड़ी में कागजी अस्पताल की पोल खोली गई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 3760 ओवरएज बसों का खुलासा किया गया।