Cyber Crime :साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, डीजीपी, मुख्य सचिव और मंत्रियों के नाम पर करते थे ठगी,

दिल्ली से दो नाइजीरियन व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट के सदस्य अपने व्हाट्सएप प्रोफाइलों पर अधिकारियों और वीवीआईपी की डीपी और नाम लगाकर सरकारी अधिकारियों और आम लोगों से पैसा ऐंठते थे। यह जानकारी गुरुवार को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने दी। 

उन्होंने बताया कि बीते कुछ महीनों में इन जालसाजों ने कैबिनेट मंत्रियों, पंजाब के डीजीपी, पंजाब के मुख्य सचिव और अन्य आईएएस व आईपीएस अफसरों का नाम इस्तेमाल कर अनेक लोगों को ठगा था। डीजीपी ने बताया कि जालसाजी करने वाले यह व्यक्ति, ज्यादातर सरकारी अधिकारियों को निजी संदेश भेजकर, अमेजन गिफ्ट कार्ड, पेटीएम या किसी अन्य डिजिटल प्लेटफार्म से पैसे भेजने की मांग करते थे।

इस मामले में कुछ भारतीय लोगों की भूमिका भी उजागर हुई है। गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान अनीयोक हाईगिनस ओकवुडीली उर्फ पोका और फ्रेंकलिन उर्फ विलियम के तौर पर हुई है। दोनों नाइजीरिया के लागोस के रहने वाले हैं और इस समय दिल्ली में रह रहे हैं। पुलिस ने केनरा बैंक का एक डेबिट कार्ड, अलग-अलग गैजेट, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कीमती घड़ियां और पासपोर्ट भी बरामद किया है।

ऐसे किया साइबर सेल ने ऑपरेशन
इस ऑपरेशन की जानकारी देते आईजी (साइबर क्राइम) आरके जैसवाल ने कहा कि एक व्यापक हाईटेक जांच और व्हाट्सएप से जानकारी हासिल करने के बाद स्टेट साइबर सेल को कुछ बड़ी लीड मिली। इसके बाद तीन अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया और दोषियों की पड़ताल और गिरफ्तारी को अंजाम देने के लिए फील्ड वर्क के वित्तीय, तकनीकी के कार्य सौंपे गए। 

डीएसपी (साइबर क्राइम) समरपाल सिंह की निगरानी में पुलिस टीम, जिसमें दो इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस कर्मचारी शामिल थे, को दिल्ली भेजा गया। पुलिस टीमों ने दिल्ली पुलिस के साथ साझा ऑपरेशन के दौरान आरोपी अनीयोक उर्फ पोका को उस समय रंगे हाथों काबू किया, जब वह नई दिल्ली के विकास पुरी के नजदीक स्थित एटीएम से पैसे निकलवा रहा था। 

पूछताछ के दौरान अनीयोक उर्फ पोका ने बताया कि व्हाट्सएप खाते नाइजीरिया से हैक किए गए थे और वह देश के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बिना खोले गए बैंक खातों के एटीएम कार्डों से पैसे निकालता था और फिर वह पैसे अपने सरगना फ्रेंकलिन उर्फ विलियम को सौंपता था, जो आगे नाइजीरिया को इलेक्ट्रानिक ढंग से पैसे ट्रांसफर करता था। लंबी जद्दोजहद के बाद पुलिस टीमों ने फ्रेंकलिन को भी गिरफ्तार कर लिया है।

भारत में साइबर धोखाधड़ी में पहली गिरफ्तारी
आईजी आरके जैसवाल ने कहा कि पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर डिविजन ने ऐसी धोखाधड़ी के संबंध में पूरे भारत में पहली गिरफ्तारी की है। इस संबंध में एक और सनसनीखेज पक्ष यह है कि इस सफेदपोश अपराध में नाइजीरियन लोग भी जुड़े हैं। स्टेट साइबर क्राइम सेल की टीम आरोपियों को काबू करने के लिए असम, बिहार, एमपी, उत्तराखंड, यूपी, जींद और अलवर समेत कई राज्यों और शहरों में छापे भी मार रही थी।

108 जीबी डाटा से मिला वित्तीय लेनदेन का हिसाब
इस मामले की जांच की जानकारी देते हुए डीआईजी (साइबर क्राइम) नीलांबरी जगदाले ने कहा कि लगभग 108 जीबी डाटा की रिकवरी से आरोपियों द्वारा हर रोज लाखों रुपए के बड़े वित्तीय लेन-देन संबंधी जानकारी सामने आई है। उन्होंने कहा कि यह जो बरामदगी हुई, इसमें कथित तौर पर जाली व्हाट्सएप आईडी के स्क्रीनशाट और बरामद किए गए करोड़ों रुपये के लेन-देन के स्क्रीनशाट संबंधी जानकारी को ड्रग लिंकेज, हवाला लेन-देन और अन्य जांच के लिए फॉरेंसिक विश्लेषण को भेजा गया है। 

डीआईजी ने कहा कि जांच के दौरान पहले दो बैंक खातों की शिनाख्त की गई, बाद में संदिग्ध बैंक खातों की बैंक स्टेटमेंट से यह बात सामने आई कि इन बैंक खातों से चार बैंक खातों में पैसे भेजे जा रहे थे और उसके बाद 11 बैंक खातों में पैसे भेजकर एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस नेटवर्क को तोड़ने के बाद यह पता लगा कि नई दिल्ली के विकास पुरी, गणेश नगर, तिलक नगर और नांगलोई के कई एटीएम से पैसे निकलवाए जा रहे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471