
अमरनाथ गुफा के पास जल सैलाब के बाद भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। इंदौर से अमरनाथ के लिए पांचवां और सीजन का सबसे बड़ा जत्था रविवार को रवाना होगा। ओम जटाशंकर पारमार्थिक सेवा समिति के इस जत्थे में 790 यात्री शामिल होंगे। जत्थे के प्रमुख नरेंद्र शर्मा ने कहा पहले जत्थे में करीब 700 लोग जाने वाले थे, लेकिन अब यात्रियों की संख्या और बढ़ गई। उन्होंने कहा सभी लोग बाबा अमरनाथ के दर्शन करेंगे।
शर्मा ने कहा जत्थे में 225 महिलाएं और 18 बच्चे भी हैं। 15 दिन की यात्रा में अमरनाथ, वैष्णो देवी और बैजनाथ के दर्शन करेंगे। अगर अमरनाथ दर्शन में किसी तरह की मुश्किल आई तो जत्था पहलगाम से वापस लौट आएगा। यात्रा के लिए हमने 500 लोगों का टारगेट तय किया था, लेकिन बढ़ते-बढ़ते 790 यात्री हो गए। 90 यात्री तो आखिरी के 15 दिन में बढ़ गए। 48 लोगों को इनकार करना पड़ा। दरअसल, कोरोना के चलते दो साल से यात्रा बंद थी। ऐसे में इस बार शुरुआत हुई है तो लोगों में दोगुना उत्साह है।
सैकड़ों अमरनाथ यात्री जम्मू पहुंचे
अमरनाथ यात्रा के दौरान आई प्राकृतिक विपदा के बाद शनिवार को जम्मू स्थित अमरनाथ यात्रियों के ठहरने के स्थान भगवती नगर में हजारों श्रद्धालुओं के लिए सेवा कार्य जारी रहे। शनिवार को भी यहां सैकड़ों श्रद्धालु निजी वाहनों से पहुंचे। अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा रविवार को पहलगाम और बालटाल से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के रहने-भोजन की व्यवस्था की गई। जत्थे को रवाना करने के लिए बस टिकट किए गए। जानकारी भगवती नगर से श्रद्धालु सचिन गोयल ने दी।
इधर, इंदौर से अमरनाथ यात्रा पर गया पहला जत्था लौटा, स्टेशन पर स्वागत
इंदौर से बाबा अमरनाथ के लिए रवाना हुआ पहला जत्था दर्शन कर लौट आया। रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों का स्वागत किया गया। शनि उपासक मंडल के प्रमुख प्रदीप अग्रवाल ने बताया 250 लोग यात्रा पर गए थे। 25 जून को जत्था इंदौर से रवाना हुए था। बाबा अमरनाथ, वैष्णोदेवी के दर्शन कर जत्था इंदौर आया।