
अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन और वैभव जैन की न्यायिक हिरासत 20 जुलाई तक बढ़ा दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को वैभव जैन की रिमांड अवधि व जैन की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर पेश किया। मामले में तीसरा आरोपी अंकुश जैन पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अधिवक्ता हुसैन और नवीन कुमार मट्टा ने अदालत को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मंत्री की मदद करने वालों में अंकुश जैन और वैभव जैन भी शामिल हैं। उन्होंने आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आग्रह किया। अदालत ने उनके आग्रह पर आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी।
30 मई को हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में 30 मई 2022 को सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था। इनके अलावा नवीन जैन और सिद्धार्थ जैन (राम प्रकाश ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक), जी एस मथारू (प्रूडेंस ग्रुप ऑफ स्कूल्स चलाने वाले लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट के अध्यक्ष) हैं। ईडी ने बताया कि योगेश कुमार जैन (राम प्रकाश ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक) अंकुश जैन के ससुर और लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट भी सत्येंद्र जैन की सहायता के लिए ईडी के रडार पर हैं।
दिल्ली-एनसीआर में छापामारी
ईडी ने 6 जून को दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर छापामारी के दौरान सत्येंद्र जैन के सहयोगियों से 2.85 करोड़ नकद और 1.80 किलोग्राम वजन के 133 सोने के सिक्के जब्त किए थे। इस दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए थे। ईडी ने तब कहा कि कुल चल संपत्ति ‘एक अस्पष्ट स्रोत’ से जब्त की गई थी। मामले में ईडी की जांच से पता चला है कि लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट के एक साथी ने संपत्ति को अलग करने और प्रक्रिया को विफल करने के लिए सत्येंद्र जैन के स्वामित्व वाली कंपनी से सहयोगियों के परिवार के सदस्यों को जमीन के हस्तांतरण के लिए आवास प्रविष्टियां प्रदान की थीं।
इनके खिलाफ चार्जशीट दायर
ईडी ने 24 अगस्त 2017 को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज एक प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर रोकथाम की धारा 13(2) के साथ पठित 13(1) (ई) के तहत धन शोधन की जांच भी शुरू की थी। बाद में सत्येंद्र जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को सत्येंद्र कुमार जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ चार्जशीट दायर की।