
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के सिलसिले में राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने उदयपुर जिले में नौ स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान मामले में आरोपी और संदिग्धों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और सिम कार्ड समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुए हैं। मामले में जांच अभी जारी है।
बता दें कि इस मामले में 29 जून को उदयपुर के धानमंडी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में दर्ज एफआईआर की संख्या 81/2022 है। इसके बाद एनआईए ने 29 जून को ही अलग से केस दर्ज किया था और मामले की जांच अपने हाथों में ली थी।
एनआईए ने फिर मांगी आरोपियों की रिमांड
उदयुपर के कन्हैयालाल हत्याकांड के सभी सात आरोपियों को जयपुर की एनआईए कोर्ट में मंगलवार को पेश किया गया। एनआईए ने कोर्ट में पेश सभी आरोपियों की रिमांड देने की पेशकश की। एनआईए ने कोर्ट में कहा है कि आरोपियों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। ऐसे में इनसे आरोपियों से और पूछताछ की जरूरत हैं। कन्हैयालाल हत्याकांड में अब तक मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद सहित मोहसीन खान, आसिफ हुसैन, मोहम्मद मोहसीन, वसीम और फरहाद मोहम्मद को गिरफ्तार किया जा चुका है।
दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े 300 लोगों का सच सामने आया
इससे पहले कन्हैया का गला काटने वाले आतंकी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी की कॉल डिटेल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। दोनों आतंकवादी कन्हैया की हत्या से पहले पाकिस्तान के 18 नंबरों पर लगातार बात रहे थे। देश के 25 राज्यों के 300 से ज्यादा लोग भी इन नंबरों से संपर्क में हैं। यह सभी पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े हुए हैं। कॉल डिटेल की जांच में जो 300 नंबर सामने आए हैं, उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, बिहार और केरल के हैं। ऐसे में एनआईए और आईबी ने सभी 25 राज्यों को अलर्ट कर दिया है। एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने मामले की गंभीरता से जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों को भी पत्र लिखा है।
28 जून को हुई थी कन्हैया की हत्या
उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या 28 जून कोकर दी गई थी। वह धानमंडी इलाके के भूत महल क्षेत्र में रहते थे और पेशे से दर्जी थे। दो मुस्लिम युवक कपड़े का नाप देने के बहाने उनकी दुकान पर पहुंचे और धारदार हथियार से कन्हैया पर वार करना शुरू कर दिया। ताबड़तोड़ हमलों ने कन्हैया को संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई। हमले में दुकान पर काम करने वाला उसका साथी ईश्वर सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।