मंकीपॉक्स:कोरोना के बाद अब पैर पसार रहा मंकीपॉक्स, मेक्सिको में 60 मामलों की पुष्टि

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कोरोना के कहर से दुनिया अभी ठीक से संभली भी नहीं है इसी बीच एक और वायरस डराने लगा है। इस नए वायरस का नाम मंकीपॉक्स (Monkeypox) है। मेक्सिको ने मंकीपॉक्स के 60 मामलों की पुष्टि की है। मेक्सिको के रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन अवर सचिव ह्यूगो लोपेज-गैटेल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। लोपेज-गैटेल ने कहा कि अब तक मेक्सिको में मंकीपॉक्स से कोई मौत नहीं हुई है।

लोपेज ने आगे कहा कि “केवल पांच या छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है क्योंकि उनमें गंभीर प्रतिरक्षा दमन (Immuno suppression) पाया गया है, लेकिन सामान्य तौर पर सभी लगभग 21 दिनों में ठीक हो गए।”

11 मैक्सिकन शहरों में मंकीपॉक्स के मामलों का पता चला है, जो वायरस से संबंधित है जो चेचक (smallpox) का कारण बनता है, लेकिन इसके मरीजों में हल्के लक्षण पाए जाते हैं और शायद ही कभी घातक हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 75 देशों और क्षेत्रों में 16,000 से अधिक मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं और पांच संबंधित मौतें दर्ज की गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को मंकीपॉक्स के प्रकोप को “अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल” घोषित किया था।

क्या है मंकीपॉक्स वायरस, कैसे फैलता है? 
मंकीपॉक्स, स्मॉलपॉक्स (चेचक) की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपॉक्स हो जाए। यह देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। जिन लोगों में ज्यादा संक्रमण होता है उन्हें निमोनिया के लक्षण भी दिख सकते हैं। यह बीमारी एक इंसान से दूसरे में फैल सकती है। संक्रमित व्यक्ति को छूने से उसकी छींक या खांसी के संपर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आने से या फिर संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओं को इस्तेमाल करने से ये बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। 

मंकीपॉक्स को लेकर डब्ल्यूएचओ के निर्देश
मंकीपॉक्स के विषय में डब्ल्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक, साउथ-ईस्ट एशिया रीजन, पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि मंकीपॉक्स उन देशों में भी फैलता हुआ देखा जा रहा है जहां पहले कभी नहीं देखा गया। वहीं, भारत में भी इसके बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं। 

  • डब्ल्लूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स उन लोगों से फैलता है जो पहले से मंकीपॉक्स से पीड़ित हों। जो व्यक्ति मंकीपॉक्स के मरीज के बेहद करीब रहता हो उसके लिए इस वायरस की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है।
  • डब्ल्लूएचओ का कहना है कि जो पुरुष आपस में सेक्स करते हैं यानी समलैंगिक पुरुष, उनमें मंकीपॉक्स फैलने का खतरा ज्यादा है।
  • मंकीपॉक्स बॉडी फ्लुइड्स और पीड़ित व्यक्ति के साथ सोने पर फैल सकता है।
  • मंकीपॉक्स होने पर व्यक्ति को बुखार, रैशेज, सूजन और अन्य चिकित्सा समस्याएं हो सकती हैं।
  • डब्ल्लूएचओ के निर्देशानुसार मंकीपॉक्स से बचाव के लिए जंगली जानवरों से बचकर रहें खासकर उनसे दूरी बनाकर रखें जो बीमार हों या मरे हुए हों। इन जानवरों के मीट, खून और शरीर के अन्य हिस्सों से भी पूरी तरह दूरी बनाकर रखें।
  • जबतक मीट पूरी तरह पका हुआ न हो उसे नहीं खाएं। 
  • इसके अलावा, यदि घर के पालतू जानवर संक्रमित हो जाए तो उसे 30 दिनों तक क्वारंटाइन करके रखें।

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