
ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स एक बार फिर बड़े विवाद में घिर गए हैं। आरोप है कि चार्ल्स के चैरिटिबल ट्रस्ट ने ओसामा बिन लादेन के दो कजिन्स से एक मिलियन पाउंड (भारतीय मुद्रा में करीब 9.64 करोड़ रुपए) लिए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस के एडवाइजर्स ने उन्हें इस फैमिली से पैसा न लेने को कहा था, हालांकि उन्होंने इस सलाह को नहीं माना।
कुछ महीने पहले भी प्रिंस विवादों में घिरे थे। तब उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने सऊदी अरब के दो ऐसे नागरिकों से चैरिटी के लिए फंड लिया था जो ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों के निशाने पर थे।
यह पैसा प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटिबल फंड (PWCF) के अकाउंट में जमा किया गया। ये बात जरूर है कि खुद प्रिंस ने इस पैसे का इस्तेमाल नहीं किया। यह फंड 2013 में PWCF के अकाउंट में जमा कराया गया।
PWCF के चेयरमैन इयान हेशिर के मुताबिक, इस फंड को लेने के लिए सभी पांच ट्रस्टी सहमत थे, यह अकेले प्रिंस का फैसला नहीं था। अब तक प्रिंस ने खुद इस मामले पर कोई रिएक्शन या सफाई नहीं दी है।
इस मामले में खास बात यह भी है कि जब प्रिंस ने यह पैसा लिया, उसके दो साल पहले ही अमेरिकी नेवी सील कमांडो ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में लादेन को मार गिराया था। उस वक्त तक ब्रिटेन में लादेन के नेटवर्क को लेकर ब्रिटेन में भी जांच चल रही थी। सवाल उठता है कि यह मामला गरम था तब भी प्रिंस ने यह फंड क्यों लिया? क्या उन्हें हालात की जानकारी नहीं थी।
कुछ साल पहले सऊदी बिजनेसमैन से
कुछ साल पहले दो ब्लैक लिस्टेड सऊदी कारोबारियों ने भी प्रिंस के चैरिटी फाउंडेशन को मीटी रकम दी थी। इस मामले का खुलासा भी संडे टाइम्स की ही एक रिपोर्ट में किया गया था। जांच के बाद ट्रस्ट के तब के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया था।
आरोप है कि दोनों सऊदी कारोबारियों ने ब्रिटेन की नागरिकता हासिल करने के लिए यह पैसा दिया था। हालांकि, पूछताछ के दौरान दोनों सऊदी बिजनेसमैन ने आरोपों से इनकार कर दिया था। ट्रस्ट ने खुद इस मामले की जांच करने का भरोसा दिलाया था। प्रिंस का यह फाउंडेशन 1986 में बनाया गया था। इस पर कुछ रूसी कारोबारियों से भी संबंध के आरोप लगे हैं।