Common Wealth Game 2022: बनारस के लाल विजय ने हार के बाद भी रेपचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक अपने नाम किया

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में विजय यादव ने जैसे ही कांस्य पदक अपने नाम किया तो इसकी खबर सात समंदर पार बनारस तक पहुंच गई। रात के 10 बजे मोबाइल की घंटी से उनके पिता दशरथ यादव की नींद टूटी और खबर सुनने के बाद तो उनके पांव जमीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। आंखें छलक रही थीं और सीना गर्व से चौड़ा हो गया और बरबस ही उनके मुंह से निकला मेरे लाल का कांस्य देश के माथे पर सोने से भी तेज चमक रहा है।

सुलेमापुर गांव के लिए विजय का कांस्य जीतना किसी त्योहार से कम नहीं था। गांव भर में विजय के जीत की सूचना जैसे ही फैली, गांव वाले भी गौरवान्वित हो उठे। पिता दशरथ यादव और मां चिंता देवी ने कहा कि मेरा बेटा तो लंबे समय से देश के लिए तपस्या कर रहा था। आज बेटे की तपस्या सफल हो गई और उसको फल मिल गया। यह तो अभी शुरुआत है, उसको अभी और आगे जाना है।

देश के लिए और ढेर सारे पदक जीतने हैं। मेरे तीन बेटों में विजय सबसे छोटा है और सबसे शरारती भी। तीनों बच्चों को हमेशा खेलने के लिए मैंने प्रोत्साहित किया। बनारस के सिगरा स्टेडियम से सहारनपुर, लखनऊ, भोपाल के बाद दिल्ली पहुंचा। बेटे के पदक जीतने पर काफी खुशी है।

बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में बनारस के लाल विजय ने हार के बाद भी रेपचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही बनारस में अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले विजय तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। विजय यादव के बड़े भाई गुड्डू ने कहा कि मुझे विजय की मेहनत और भगवान पर भरोसा था कि मेरा भाई पदक जरूर जीतेगा और उसने कर दिखाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471